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नई दिल्ली। बैंक फ्रॉड मामले में रिलायंस एडीएजी समूह के अनिल अंबानी शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के फिर पेश होना था, लेकिन वह ईडी आॅफिस नहीं पहुंचे। उन्होंने वर्चुअली अपना प्रस्ताव रखा। बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को आज फिर से तलब किया था।
अनिल अंबानी की ओर से जारी एक बयान में, कंपनी ने कहा कि वह सभी मामलों में ईडी के साथ पूरा सहयोग करेगी और वर्चुअल माध्यम से पेश होने को तैयार है। वहीं ईडी ने कहा है कि अभी तक हमें अनिल अंबानी या उनकी कंपनी से ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है। अनिल अंबानी की ओर से जारी बयान में कहा गया, अनिल डी. अंबानी को ईडी की ओर से भेजा गया समन फेमा जांच से संबंधित है, न कि पीएमएलए के किसी मामले से इसका जुड़ाव है।
बयान में आगे कहा गया, अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह वर्षों तक कंपनी में केवल एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया और कंपनी के डे-टू-डे मैनेजमेंट में कभी शामिल नहीं रहे।
ईडी ने अगस्त में अंबानी से 9 घंटे की थी पूछताछ
बता दें कि अगस्त में ईडी मुख्यालय में कथित 17,000 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में उनसे लगभग नौ घंटे तक कड़ी पूछताछ हुई थी। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब ईडी ने सोमवार को नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 4,462.81 करोड़ रुपए मूल्य की 132 एकड़ से अधिक जमीन को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
ईडी जब्त कर चुकी है 3,083 करोड़ की संपत्तियां
ईडी ने इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 3,083 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 42 संपत्तियां जब्त की थीं। बयान में कहा गया, इन मामलों में कुल जब्ती 7,545 करोड़ रुपए से अधिक की है। ईडी वित्तीय अपराध करने वालों की सक्रिय रूप से तलाश कर रहा है और अपराध से कमाई गई आय को उनके सही दावेदारों को वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
लाइव अपडेट
13:54 PM 14-Nov-2025
13:55 PM 14-Nov-2025
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