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मां भारती के लिए सर्वस्व अर्पण करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, राष्ट्रपुरुष श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 101वीं जयंती पर उन्हें शत-शत नमन। अटलजी नवचेतन और नवसृजन के स्वप्नदृष्टा, भारतीय राजनीति के ऐसे महापुरुष थे जिनका जीवन और चिंतन देश की आत्मा से जुड़ा था। वे सबके प्रिय थे, सबके अपने थे और जन-जन के हृदय में बसने वाले अजातशत्रु राजनेता थे।
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक साधारण कार्यकर्ता से आरंभ होकर राष्ट्रधर्म के संपादक, भारतीय जनसंघ के मजबूत आधार और भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व तक पहुंचाने वाली एक अनुपम और प्रेरक यात्रा रही है। वे राजनीति को व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण का माध्यम मानते थे। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन से समर्पित कार्यकर्ताओं की अनेक पीढ़ियां तैयार हुईं, जिनके लिए सेवा, त्याग और राष्ट्रहित जीवन का लक्ष्य बन गए।
अटल जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे श्रेष्ठ कवि, सफल पत्रकार, दूरदृष्टा विचारक तथा चिंतक थे, जिन्होंने भविष्य के भारत का स्वप्न देखा और उसे साकार करने का मार्ग प्रशस्त किया। मुझे बताते हुए खुशी है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में श्रद्धेय अटलजी के स्वप्न को आकार दिया जा रहा है। देश की बहुआयामी प्रगति, समृद्धि और विकास के परिणाम धरातल पर दिखाई दे रहे हैं।
इसमें एक और गौरवशाली तथ्य की ओर संकेत करना चाहूंगा कि विश्व की चैथी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत अग्रसर है। यह ऐसी उपलब्धि है कि वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए कई देशों की दृष्टि भारत की ओर रहती है।
हमारे लिए गर्व की बात है कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 25 दिसंबर को श्रद्धेय अटलजी की जन्म जयंती के अवसर पर ग्वालियर में भव्य मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें निवेश और नवाचार की नई दिशाएं तय होंगी।
प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। सड़क, संचार, आधारभूत संरचना, शिक्षा, विज्ञान और तकनीककृहर क्षेत्र में उन्होंने मजबूत नींव रखी। जहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा, वहीं सर्वशिक्षा अभियान से शिक्षा को हर वर्ग, हर समुदाय और हर क्षेत्र तक पहुंचाया। पोखरण में भारत की सामरिक शक्ति को सुदृढ़ करने से लेकर स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के माध्यम से देश को जोड़ने का संकल्प, निर्णय और संकल्प शक्ति का परिचय दिया।
श्रद्धेय अटल जी की दूरदृष्टि का एक महत्वपूर्ण उदाहरण ‘नदी जोड़ो’ अभियान की परिकल्पना है। उन्होंने जल समस्या का स्थायी समाधान विकसित करने हेतु जलस्रोतों के समन्वित प्रबंधन पर बल दिया। उनका सपना था कि देश की नदियां आपस में जुड़ें, जल की एक-एक बूंद का उपयोग हो और धरती सुलभ-सुफलाम बने।
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने के महाअभियान के तहत दो परियोजनाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। पार्वती-कालीसिंध-चंबल और केन-बेतवा लिंक परियोजनाओं के माध्यम से हमारी नदियां जुड़ने जा रही हैं। इन परियोजनाओं से जल संकट वाले क्षेत्रों में नई आशा जगेगी और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
अटलजी विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना चाहते थे। इसी दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उद्योगों को छोटे शहरों और अंचलों तक पहुंचाया गया है। इससे पलायन रुका है और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। अटलजी के शासनकाल में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो आज विश्वस्तरीय अधोसंरचना के रूप में स्थापित हो चुकी है। यह सब बताता है कि अब हम भोपाल में भी मेट्रो का संचालन करने जा रहे हैं।
सुशासन के प्रवर्तक अटलजी के लिए सुशासन का अर्थ सरल, पारदर्शी और संवेदनशील व्यवस्था से था। उन्होंने स्थिरता और सुशासन का स्वर्णिम उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सुशासन की वही परंपरा आगे बढ़ रही है। सेवा, संकल्प और समर्पण की नीति, जनसरोकारों तक योजनाओं को पहुंचाना और डिजिटल माध्यमों से सेवाओं की सरलताकृयह सब उसी विचार का विस्तार है।
अटल जी की 101वीं जयंती पर हम यह संकल्प लें कि उनके विचारों को अपने आचरण और नीतियों में उतारें। व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण तक उनकी कल्पना आज भी प्रासंगिक है। सच्चा नेतृत्व वही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त करे। मध्यप्रदेश, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और अटल जी की प्रेरणा के साथ, समृद्धि, विकास और खुशहाली का नया अध्याय रचने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका चिंतन, विचार और सपना नए विकसित भारत निर्माण के लिए सदैव प्रेरक रहेगा। मैं प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता से आह्वान करता हूं कि आइए, हम सब मिलकर श्रद्धेय अटलजी के स्वप्न अनुरूप सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनें।
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