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भस्मारती : बाबा महाकाल को भांग, चंदन और सुगंधित पुष्पों से किया गया अलंकृत, निराकार से साकार रूप देख धन्य हुए भक्त

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Author : admin

पब्लिश्ड : 25-10-2025 11:42 AM

अपडेटेड : 25-10-2025 06:12 AM

उज्जैन। कार्तिक मास के पावन अवसर पर शनिवार को विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में प्रात: 4 बजे भस्म आरती में भक्तों को भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन प्राप्त हुए। सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोला गया।

मंदिर के कपाट खुलते ही पुजारियों ने गर्भगृह में विराजमान भगवान महाकाल का पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस) से अभिषेक कर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। बाबा महाकाल को भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट्स और सुगंधित पुष्पों से अलंकृत किया गया। उनके मस्तक पर त्रिनेत्र स्वरूप बेलपत्र धारण कराया गया, जिसने उनके स्वरूप को और अलौकिक बना दिया। श्रृंगार के बाद हर किसी की नजर बाबा पर ही बनी रही।

देखते ही बन रहा बाबा महाकाल का रूप

रजत शेषनाग मुकुट और रुद्राक्ष की मालाओं से सुसज्जित महाकाल का रूप देखते ही बनता था। पूरी आरती के दौरान मंदिर परिसर में जय महाकाल के जयघोष गूंज उठे और वातावरण भक्तिमय हो गया। भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते है।

मंदिर परिसर में गूंजती रहीं भक्ति संगीत की ध्वनियां

भक्तों ने बताया कि बाबा के निराकार से साकार होते हुए स्वरूप का साक्षात दर्शन करना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। आरती के पश्चात पुजारियों की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया और मंदिर परिसर में भक्ति संगीत की ध्वनियां गूंजती रहीं। आरती में हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन के लिए रात 1 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन में लगे हुए थे। महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन के अनुसार, कार्तिक मास में प्रतिदिन विशेष अनुष्ठान और श्रृंगार किए जा रहे हैं। आज का श्रृंगार सबसे मनमोहक माना गया, जिसमें बाबा के त्रिनेत्र स्वरूप ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हर दिन बाबा को नए स्वरूप किया जाता है तैयार

उन्होंने बताया कि रोजाना बाबा को नए स्वरूप में तैयार किया जाता है। हर स्वरूप का अपना महत्व होता है। श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही देखने को मिलती है। एक-एक करके श्रद्धालुएं बाबा का दर्शन करते है, किसी को कोई परेशान न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाता है। सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंधन किए गए है। जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया जाता है, जिससे किसी कोई परेशानी न हो और हर श्रद्धालु दर्शन पूजन कर सके।

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