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भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में मांग को पूरा करने के लिए कवायदें भी तेज हो गई है। बिजली उत्पादन क्षमता बढाने के लिए प्रदेश में दो नई बिजली इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड ने 660-660 मेगावाट की दो नई ताप विद्युत इकाइयों की स्थापना के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल-भेल) के साथ 23 हजार 600 अनुबंध किया यह दो नई इकाइयां सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी और अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में स्थापित होंगी।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी व अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660-660 मेगवाट की दोनों इकाइयों में विद्युत उत्पादन जून 2030 से प्रारंभ किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ये दोनों ताप विद्युत इकाइयों अत्याधुनिक, उच्च दक्षता वाली सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित रहेंगी। बीएचईएल (भेल) इन इकाइयों के लिये बॉयलर, टरबाइन, जनरेटर एवं अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी संरचनाओं की आपूर्ति और निर्माण का कार्य करेगा।
ताप विद्युत उत्पादन क्षमता में 1320 मेगावाट की होगी बढ़ोत्तरी
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 4570 मेगावाट है। सारणी व चचाई में 660-660 मेगावाट की इकाइयों की स्थापना के बाद ताप विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 5890 मेगावाट हो जाएगी।
सारणी व अमरकंटक की विद्युत क्षमता में होगी बढ़ोत्तरी
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की वर्तमान उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट है। यहां 250-250 की दो इकाइयां कार्यशील हैं। वहीं अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 210 मेगावाट की इकाई विद्युत उत्पादन कर रही हैं। नई इकाइयों की स्थापना के पश्चात् सारनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर 1160 मेगावाट व चचाई की 870 मेगावाट हो जाएगी।
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