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लाल आतंक पर प्रहार : बीजापुर की मुठभेड़ सुरक्षा बलों ने मार गिराया दो नक्सलियों को, थे 8-8 के ईनामी, हथियारों का जखीराम बरामद
बीजापुर। लाल आतंक पर सुरक्षा बलों का करारा प्रहार जारी है। आए दिन जवान नक्सलियों की कमर पर प्रहार कर रहे हैं। इसी क्रम में सुरक्षा बलों को नक्सल अभियान में एक और बड़ी सफलता मिल गई है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 2 नक्सलियों को मार गिराया है। इन दोनों नक्सली 8-8 लाख रुपए के ईनामी थे। मौके से पुलिस ने हथियार, विस्फोटक और प्रतिबंधित नक्सली साहित्य भी बरामद किया है। मारे गए नक्सलियों की पहचान हिड़मा पोड़ियाम और मुन्ना मड़कम के रूप में हुई।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि जिले के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में माओवादी कैडर की सक्रियता की विश्वसनीय सूचना मिलने पर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। अभियान के दौरान सुबह से ही पुलिस बल और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ होती रही। इस ऑपरेशन के दौरान दो इनामी नक्सली मारे गए।
इन्द्रावती क्षेत्र का रहने वाला हिड़मा
उन्होंने बताया कि माओवादी की पहचान हिड़मा पोड़ियाम (34) के रूप में हुई, जो बेडसेट, इन्द्रावती क्षेत्र का रहने वाला था। वह पीपीसीएम कंपनी नंबर 2, प्लाटून नंबर 1 का सदस्य था और उस पर 8 लाख रुपए का इनाम था। वहीं, दूसरे माओवादी की पहचान मुन्ना मड़कम (25) के रूप में हुई, जो कटेकल्याण, जिला दंतेवाड़ा का निवासी था। वह भी कंपनी नंबर 02, प्लाटून नंबर 01 का सदस्य था और उस पर भी 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
कल भी ढेर हुए थे दो नक्सली
बता दें कि इससे पहले, बीजापुर के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो नक्सलियों मारे गए थे। इस दौरान घटनास्थल से एक राइफल सहित अन्य हथियार और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी। माओवादियों के शव के पास से एक .303 राइफल, एक एसएलआर, कुछ देसी हथियार और भारी मात्रा में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किए गए थे।
नक्सल प्रभावित जिलों में प्रमुख है बीजापुर
बता दें कि बीजापुर, छत्तीसगढ़ का एक ऐसा जिला है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रमुख है। यहां के घने जंगल माओवादियों के लिए छिपने का सुरक्षित स्थान हैं। इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में कई मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें कई नक्सली मारे जा चुके हैं।
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