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भोपाल। दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के राजदूतों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मिला। यह दल तीन दिवसीय प्रवास पर मध्यप्रदेश आया हुआ है। आसियान के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आसियान भारत का अत्यंत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक और सांस्कृतिक साझेदार रहा है। सदियों से व्यापार, समुद्री संपर्क, आध्यात्मिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक समानताएं इस प्रगाढ़ संबंध को और भी समृद्ध बनाती रही हैं।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक्ट ईस्ट पॉलिसी को एक नई गति मिली है, जिससे भारत-आसियान सहयोग व्यापार, कनेक्टिविटी, डिजिटल साझेदारी, क्षमता-निर्माण और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और भी मजबूत हुआ है। भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंडिया, हरित ऊर्जा और जलवायु पहल की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे आसियान देशों के साथ साझेदारी के नए-नए अवसर सामने आए हैं। भारत और आसियान देशों का यह संबंध आज पारस्परिक विश्वास और साझा प्रगति का प्रतीक बन गया है।
यात्रा सहयोग और साझेदारी को बढ़ाने का माध्यम
मुख्यमंत्री ने आसियान देशों के राजदूतों (मिशन प्रमुखों) को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबका आगमन भारत और आसियान क्षेत्र के बीच गहरे सांस्कृतिक, आर्थिक और लोक-से-लोक संबंधों का जीवंत प्रतीक है। हमारा सौभाग्य है कि आप सब तीन दिवसीय यात्रा पर मध्यप्रदेश में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व धरोहर सांची की यात्रा आपको हमारी बौद्ध विरासत की गहराई से जोड़ेगी, वहीं हमारा जनजातीय संग्रहालय आपको भारत की सबसे बड़ी जनजातीय आबादी की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराएगा। आपकी यात्रा हमारे बीच सहयोग, विश्वास और एक मजबूत साझेदारी को आगे बढ़ाने का माध्यम है।
आसियान देशों की साझेदारी से मप्र के विकास को मिलेगी गति
सीएम ने कहा कि भारत और आसियान संबंधों के सुदृढ़ीकरण और प्रदेश के वैश्विक संवाद विस्तार की दृष्टि से यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत तथा मध्यप्रदेश और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक निवेश तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित नवाचारों के क्षेत्र में व्यापक सहयोग एवं साझेदारी की मंशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ साझेदारी से मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को एक नई गति मिलेगी और ज्ञान-विज्ञान के आदान-प्रदान से नई तकनीकों एवं नवाचारों को भी बढ़ावा मिलेगा। सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी इस संबंध का महत्वपूर्ण आयाम बताते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के विस्तार पर विशेष बल दिया।
प्रतिनिधमंडल में यह हैं शामिल
इस उच्चस्तरीय दल में भारत में मलेशिया के उच्चायुक्त मलेशिया (आसियान चेयर) महामहिम दातो मुजफ्फर शाह मुस्तफा, वियतनाम के राजदूत महामहिम गुयेन थान्ह हाई, फिलीपींस के राजदूत महामहिम जोसेल एफ. इग्नासियो, भारत और श्रीलंका में कंबोडिया की राजदूत महामहिम रथ मनी, तिमोर-लेस्ते के राजदूत महामहिम कार्लितो नुनेस, थाईलैंड की राजदूत महामहिम सुछवनार्ट थांगसुमफंट, भारत और भूटान में इंडोनेशिया की राजदूत महामहिम इना एच. कृष्णमूर्ति, ब्रुनेई के द्वितीय सचिव महामहिम पेंगिरन मोहम्मद शफी अलवाली बिन पेंगिरन अबू बकर, भारतीय विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (दक्षिण) प्रशांत अग्रवाल एवं अवर सचिव सुजुही जलोटा सहित मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह, आयुक्त जनसम्पर्क दीपक कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री के अपर सचिव चंद्रमौली शुक्ला तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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