Download App

Latest News

सिंध कल्चर डे रैली को पाकिस्तानी हुक्मरान मानते आतंकी रैली : अपनों पर ही दर्ज कराया टेरर चार्ज लगा एफआईआर, 12 हैं नामजदपरिवहन विभाग का पहलः : मप्र बना देश का ऐसा पहला राज्य, 2.50 लाख वाहन मालिकों को मिलेगा फायदासैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी : बड़ौदा के विकेटकीपर-बल्लेबाज ने टी20 डेब्यू में खेली तूफानी पारी, की वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी भीमंगलवार को करें राम भक्त की पूजा : विवि-विधान से भक्ति करने पर प्राप्त होते हैं मनोवांछित फलदक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसियों के बीच फिर शुरू हुई जंग : टूट गया ट्रंप का गुरूर, थाईलैंड ने कंबोडिया पर की भीषण एयरस्ट्राइकगोवा नाइट क्लब आग : 25 मौतों के जिम्मेदार क्लब मालिकों विदेश भागने की हैं फिराक में, जारी हुआ लुकआउट नोटिस

यूपी की सियासतः : सियासी जमीन खो चुकी बसपा 2027 के चुनाव में करेगी बड़ा उलटफेर, जोर जधानाधार बढ़ाने पर, बिहार के बाद सक्रिय होंगे आकाश

Featured Image

Author : Ganesh Sir

Published : Invalid Date

लखनऊ। यूपी में 2027 में विधानाभा चुनाव होना है। इसमें अभी डेढ साल बाकी है, लेकिन पाटियों ने अभी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसें सत्तारूढ दल भाजपा से लेकर सपा-बसपा और अन्य तमाम पार्टियां शामिल हैं। सभी पार्टियों ने हर स्तर पर अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। सियासी जमीन खो चुकी बसपा ने भी जनाधार बढ़ाने के लिए अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। बसपा ने गांव से लेकर शहर तक अपना जनाधार बढ़ा के लिए खास रणनीति अपनाई है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश को लेकर भी बडा प्लान तैयार किया है।

सूत्रों की मानें तो बसपा करीब 1600 टीमें गांवों में पोलिंग बूथ और सेक्टर कमेटियां बनाकर लोगों को जोड़ रही हैं। पार्टी का कहना है कि पदाधिकारी भी नामित किए जा रहे हैं, जो लोगों को बसपा की नीतियों और विपक्ष की साजिशों से अवगत करा रहे हैं। बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कहा है कि बसपा नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। समाज के सभी वर्गों के आपसी भाईचारे की बदौलत हमने सरकार भी बनाई है। बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं के जरिये संगठन को मजबूत किया जा रहा है। बसपा ऐसी नर्सरी है, जो नेता बनाती है। पहले बड़ा मुकाम हासिल करने वाले नेता अपने बेटे-बेटियों के चक्कर में दूसरे दलों में चले गए थे।

तराई और अवध के इलाकों में फोकस रही बसपा

बता दें कि पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर भाईचारा कमेटी और ओबीसी कमेटी लगातार काम कर रही हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह वर्ष 2007 में भाईचारा कमेटियों के जरिये समाज के सभी वर्गों के लोगों का गठबंधन स्थापित करते हुए सरकार बनाई गई थी, उसी फॉर्मूले पर अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी है। इसके तहत गांव-गांव जाकर कमेटियों का गठन करना पहली प्राथमिकता है। जिसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में चार टीमें बनाई जा चुकी हैं। पार्टी का मानना है कि बसपा नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। चार बार रही बसपा सरकार में गुमनाम चेहरों को भी इसी तरह पार्टी ने सियासी पहचान दी थी। इसी वजह से पूरा फोकस विधानसभा स्तर पर बूथ कमेटियों, भाईचारा कमेटी और ओबीसी समाज को जोड़ने पर है। फिलहाल पार्टी तराई और अवध के इलाकों में फोकस कर तेजी से संगठन का विस्तार कर रही है।

बिहार चुनाव बाद सक्रिय होंगे आकाश

वहीं दूसरी ओर पार्टी के चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद बिहार चुनाव के बाद यूपी में भी सक्रिय हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है फिलहाल बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर आकाश आनंद बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। जिसके बाद उन्हें यूपी में भी सक्रिय किया जा सकता है। फिलहाल यूपी और उत्तराखंड के संगठन की समीक्षा और उससे जुड़े फैसले बसपा सुप्रीमो खुद ले रही हैं।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder