Download App

Latest News

आरएसएस चीफ ने संघ को बताया विश्व का अनोखा संगठन : बेंगलुरू में बोले- भारत समेत कई देशों में कर रहा समाजसेवी कार्यपीएफआई-एसडीपीआई की 67.03 करोड़ की संपत्तियां कुर्क : ईडी का बड़ा एक्शन, इनके नाम पर दर्ज थीं सभी प्रापर्टीराहुल के मप्र दौरे पर सीएम का जोरदार हमला : चुनावी सभा में मोहन बोले- इंडी की हार सुनिश्चित, इसलिए घूम रहे पचमढ़ी की वादियों मेंतीन युवकों ने 14 साल की युवती से किया सामूहिक दुष्कर्म : मऊगंज में गैंगरेप का शर्मनाक मामलाः स्कूल में मिली बेसुध, स्वास्थ्य विभाग ने भी नहीं दिखाई मानवीयतापहले चरण में लालू-राहुल का सूपड़ा हुआ साफ : शाह की हुंकार- बिहार में 160 से ज्यादा सीटें जीतकर एनडीए बनाएगा सरकारएसआईआर को लेकर मप्र में सियासी घमासानः : मप्र कांग्रेस के दिग्गजों ने सरकार को लिया निशाने पर, दिग्गी ने लगाए गंभीर आरोप, जीतू भी बोलेबिहार के शिक्षित युवाओं को नहीं मिल रहा रोजगार : एनडीए पर प्रियंका का हमला, पीएम और छोटे दलों पर भी किया वारप्रेग्नेंसी में महिलाओं के लिए वरदान से कम नहीं ये आसन : कई समस्याओं से दिलाता है निजात अनुपम खेर के वीडियो ने जीता फैंस का दिल : दुलारी देवी पर लगा यह गंभीर का इल्जाम, अभिनेता की मां ने दिया बेगुनाही का सबूतसंसद का शीत सत्र 1 दिसंबर से : राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 19 दिनों तक होंगे जतना के हित में काम, इन मुद्दों को लेकर विपक्ष फिर कर सकता है हंगामा

वंदे मातरम महज एक गीत नहीं, वो हमारे लिए मंत्र : 150वीं वर्षगांठ पर बोले सीएम- राष्ट्रगीत को लेकर हमें दिग्भ्रमित करने की गई कोशिश

Featured Image

Author : admin

पब्लिश्ड : 07-11-2025 02:35 PM

अपडेटेड : 07-11-2025 09:05 AM

भोपाल। देश भर में आज राष्ट्रगीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई जा रही है। इस ऐतिहासिक दिन पर जगह-जगह भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी वंदे मातरम’ के 150वें स्मरणोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। मप्र के मुखिया डाॅ. मोहन यादव राजधानी भोपाल के शौर्य स्मारक पहुंचकर भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्जवलित कर इस उत्सव का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने जनता से स्वदेशी सामानों का उपयोग करने की अपील की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि बंकिमचंद्र जी का यह गीत आजादी का मूल मंत्र बना था। लेकिन, आजादी के साथ जब हमें राष्ट्रगीत को अपनाने का समय आया, तो देश को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की गई। वंदे मातरम के इतिहास को जानने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय गीत का महत्व और इतिहास बताती हुई पत्रिका का विमोचन भी किया गया।

सीएम स्वदेशी अपनाने पर दिया जोर

इस मौके पर सीएम ने जनता को संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि हम आयातित वस्तुओं की जगह देशी विकल्प अपनाएंगे। घर-काम और समाज में भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देंगे। हम गांव-किसान-कारीगरों का समर्थन कर स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देंगे। युवाओं-बच्चों को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित कर नई पीढ़ी तक इसका महत्व पहुंचाएंगे। हम भारतीय भाषाओं का प्रयोग करेंगे। पर्यावरण के प्रति सजग रहकर स्वदेशी और प्राकृतिक अनुकूल उत्पादों का प्रयोग करेंगे। देश के पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता देंगे। भारत माता की जय।

लोगों की आत्मा को आंदोलन के लिए प्रेरित किया

सीएम ने कहा कि वंदे मातरम के इस 150वें स्मरणोत्सव में हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनोभाव को देखा। यह उनकी कल्पनाशीलता भी है जिसने अतीत के 150 साल पुराने अप्रतिम गीत की महिमा और बढ़ा दी। इस गीत ने न केवल आजादी की अलख जगाई, बल्कि लोगों की आत्मा को आंदोलन के लिए प्रेरित किया। वंदे मातरम महज एक गीत नहीं, वो हमारे लिए मंत्र है। आजादी के उस दौर में हमने शहीद भगत सिंह को फांसी के फंदे पर चढ़ते देखा। चंद्रशेखर आजाद को शहादत देते देखा। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि उस दौर में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम ने शरीर में प्राण की तरह काम किया।

शब्दों की रचना से मन में आते हैं नए संकल्प

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजादी के किसी भी संघर्ष में इतिहास रचा जाता है। चाहे अमेरिका हो, इंग्लैंड हो, जब आजादी की अलख जगाई जाती है, तब इस तरह के शब्दों की रचना से नए प्रकार का स्पंदन होता है, मन में नए प्रकार के संकल्प आते हैं। हर व्यक्ति अपने देश के उस मूल मंत्र के आधार पर आजादी के लिए प्रेरित होकर नई पहचान बनाता है। उन्होंने कहा कि ‘कदम-कदम बढ़ाए जा३’ गीत को हमारे पुलिस बैंड ने शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। यह गीत नेता जी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ता दिखाई देता है। इस गीत में देश की मां सरस्वती, लक्ष्मी और मातृभूमि की त्रिदेवी संस्कृति समाहित है।

वंदे मातरम से जुड़े विशेष आयोजन होंगे

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि बंकिमचंद्र जी का यह गीत आजादी का मूल मंत्र बना था। लेकिन, आजादी के साथ जब हमें राष्ट्रगीत को अपनाने का समय आया, तो देश को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की गई। वंदे मातरम् के इतिहास को जानने की आवश्यकता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में कहा था कि हमें राष्ट्रगान जन-गण-मन के साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को भी महत्व देने की आवश्यकता है। वंदे मातरम का स्मरणोत्सव अगले एक साल 7 नवंबर 2026 तक चलेगा। इस दौरान राष्ट्रीय त्योहार और अवसरों पर वंदे मातरम से जुड़े विशेष आयोजन होंगे।

क्रांति गीत बनकर उभरा वंदे मातरम

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति अशोक वर्णबाल ने कहा कि देश-प्रदेश में आज राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा है। संविधान सभा ने वर्ष 1950 में राष्ट्रगीत के रूप में अंगीकृत किया था। 150 साल पहले 1875 में बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित यह गीत बंगला और संस्कृत भाषा का मिश्रण है। देश की आजादी के आंदोलन में यह गीत क्रांतिकारियों के लिए क्रांति गीत बनकर उभरा था।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder
वंदे मातरम महज एक गीत नहीं, वो हमारे लिए मंत्र : 150वीं वर्षगांठ पर बोले सीएम- राष्ट्रगीत को लेकर हमें दिग्भ्रमित करने की गई कोशिश