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नई दिल्ली। गुलाबी ठंड के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब सियासी पारा हाई होने लगा है। सभी दल चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के माध्यम से बिहार के युवा कार्यकर्ताओं से संवाद किया और चुनाव जीतने का मंत्र भी दिया।
पीएम मोदी ने बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि त्योहारों के साथ-साथ बिहार लोकतंत्र का महापर्व भी मना रहा है। ये बिहार की समृद्धि का नया अध्याय लिखने का चुनाव है। इसमें बिहार के नौजवानों की बहुत बड़ी भूमिका है, इसलिए बिहार के आप नौजवान साथियों के साथ संवाद का अवसर मिलना उतना ही आनंद देता है। उन्होंने कहा कि मैं बिहार के सभी नौजवानों से कहूंगा कि हर बूथ में सब नौजवानों को एकत्र करें और उस इलाके में जो बुजुर्ग लोग हों, वे आकर जरा सबको पुरानी बातें बताएं। उनके जो विचलित करने वाले अनुभव हैं, वे सभी नई पीढ़ी को बताने का कार्यक्रम बनाया जा सकता है।
बिहार में चल रहा विकास का महायज्ञ
उन्होंने आगे कहा कि आज देश में विकास का महायज्ञ चल रहा है और बिहार भी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। बिहार में हर एक क्षेत्र में, हर एक दिशा में काम हो रहा है। कहीं अस्पताल बन रहे हैं, कहीं अच्छे स्कूल बन रहे हैं, कहीं नए रेलवे रूट बन रहे हैं। इसका बहुत बड़ा कारण ये है कि देश और बिहार में एक स्थिर सरकार है। जब स्थिरता होती है तो विकास तेज होता है। बिहार की एनडीए सरकार की शक्ति भी यही है, इसलिए आज बिहार का हर नौजवान उत्साह से कह रहा है- रफ्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर से एनडीए सरकार।
मुझे सारी ताकत 140 करोड़ देशवासियों से मिली
उन्होंने आगे कहा कि मुझे सारी ताकत 140 करोड़ देशवासियों से मिली है और ये सारी ताकत मतदाता के एक वोट की ताकत है। उस वोट ने ये परिस्थिति पैदा की है कि आज राम मंदिर भी बन गया, आॅपरेशन सिंदूर भी हो गया और देश नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये वोट की ताकत है, और मैं मानता हूं कि पूरे हिंदुस्तान में वोट की ताकत की सबसे ज्यादा समझ मेरे बिहार के भाई-बहनों को है, इसलिए जंगलराज को एक बार हटाने के बाद आज वो किसी भी हालत में जंगलराज को वापस नहीं आने देना चाहते।
लठबंधन वालों के लिए अपना स्वार्थ सबसे बड़ा
पीएम मोदी महागठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने आप को गठबंधन कहते हैं, बिहार की जनता उनको लठबंधन कहती है। वो सिर्फ लठ चलाना और झगड़ा करना जानते हैं। लठबंधन वालों के लिए अपना स्वार्थ ही सबसे बड़ा है। इन्हें बिहार के युवाओं की चिंता नहीं है। दशकों तक देश और बिहार के नौजवान नक्सलवाद और माओवादी आतंक से पीड़ित रहे, लेकिन इन लोगों ने आपको नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ को ही प्राथमिकता दी। माओवादी आतंक से मदद लेकर ये लोग चुनाव भी जीतते रहे।
इनके राज में विकास पूरी तरह से हो गया था चौपट
पीएम मोदी ने आगे कहा कि बिहार को तबाह करने में नक्सलवाद-माओवादी आतंक ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। ये माओवादी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल कुछ भी खोलने नहीं देते थे और बने बनाए संस्थान को बम से तोड़ देते थे। ये उद्योगों को घुसने नहीं देते थे, इसलिए इनके राज में विकास पूरी तरह चौपट हो गया था। मैं मानता हूं कि इन्होंने बिहार की दो पीढ़ियों के भविष्य बर्बाद किए हैं।
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