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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार की शाम हुए शक्तिशाली कार ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर दिया दिया है। यही नहीं, हर आंख में गुस्सा है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि दोषियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। बता दें कि लाल किला के पास हुए ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस द्वारा आयोजित दिल्ली डिफेंस डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसियां इस घटना की तीव्र और गहन जांच कर रही हैं, और जांच के निष्कर्ष जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे। उन्होंने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और किसी भी परिस्थिति में उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
हर तकनीकी लहर हमें बढ़ाएगी आगे
इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चैहान, विभिन्न देशों के राजदूत तथा सैन्य व नागरिक अधिकारी उपस्थित रहे। डिफेंस डायलाग को संबोधिक करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को उपभोक्ता से आगे बढ़कर तकनीकी निर्माता देश बनने के लिए न केवल नई तकनीकों को अपनाना होगा, बल्कि ऐसे सिस्टम और इकोसिस्टम तैयार करने होंगे, जिनसे नई तकनीक का निर्माण और अपनाना सहज, तीव्र और आत्मनिर्भर हो सके। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को तकनीक का सृजनकर्ता देश बनाने के लिए सैनिक, वैज्ञानिक, स्टार्टअप और रणनीतिकार के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी नींव मजबूत, संस्थान चुस्त, दिमाग खुले और सहयोग सहज होगा, तो हर तकनीकी लहर हमें आगे बढ़ाएगी, डुबोएगी नहीं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल विकसित कर रहा भारत
उन्होंने डिजिटल संप्रभुता पर जोर देते हुए कहा कि सच्ची रणनीतिक स्वायत्तता तभी आएगी जब हमारा कोड उतना ही स्वदेशी होगा जितना हमारा हार्डवेयर। उन्होंने बताया कि भारत स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक, विश्वसनीय सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन और भारतीय डेटा पर प्रशिक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल विकसित कर रहा है।
तकनीक का उद्देश्य मानव निर्णय को सशक्त बनाना
सिंह ने कहा कि तकनीक का उद्देश्य मानव निर्णय को प्रतिस्थापित करना नहीं, बल्कि उसे सशक्त बनाना है। उन्होंने नई तकनीकों के नैतिक, मनोवैज्ञानिक और कानूनी पहलुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता बताई। रक्षा मंत्री ने बताया कि अब रक्षा खरीद में केवल तत्काल कीमत नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रखरखाव और परिचालन लागत को भी आरंभिक चरण से ही आंका जाएगा।
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