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मेडिकल एजूकेशन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई : ईडी ने एक साथ 10 राज्यों में दी दबिश, जद में रहे मप्र-छग, व्यापक है एक्शन का उद्देश्य

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Author : admin

Published : 27-Nov-2025 03:33 PM

नई दिल्ली। मेडिकल शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीम ने 10 राज्यों में 15 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। इसमें मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली शामिल हैं।

ईडी की छापेमारी में सात मेडिकल कॉलेजों से जुड़े परिसरों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, कई निजी व्यक्तियों के परिसरों पर भी कार्रवाई की गई, जो एफआईआर में आरोपी बताए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये लोग कथित रिश्वतखोरी में अहम भूमिका निभा रहे थे। इस व्यापक कार्रवाई का उद्देश्य कथित नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना और अवैध धन के प्रवाह का पता लगाना है। यह कार्रवाई सीबीआई की चल रही जांच से प्राप्त विस्तृत सुरागों पर आधारित है और इसका लक्ष्य भ्रष्टाचार के इस जाल को उजागर करना है।

कार्रवाई का उद्देश्य भ्रष्टाचार नेटवर्क की तस्वीर सामने लाना

सूत्रों के अनुसार, ईडी इस कार्रवाई के जरिए कॉलेज प्रशासन और सरकारी अधिकारियों के बीच कथित भ्रष्टाचार नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने लाना चाहती है। यह कार्रवाई देशभर में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जांच का फोकस न केवल संस्थागत परिसरों पर है, बल्कि व्यक्तिगत परिसरों पर भी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस तरह से रिश्वत और गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। जल्द ही इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

रिश्वत के एवज में काॅलेजों की साझा की गई थी गोपनीय जानकारी

सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई 30 जून 2025 को दर्ज सीबीआई की एफआईआर (संख्या आरसी2182025।0014) से जुड़ी हुई है। एफआईआर में आरोप है कि कुछ सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी गई। इसके एवज में मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा की गई। इसमें राष्ट्रीय मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के अधिकारी भी शामिल हैं। जांच में सामने आया कि ये गोपनीय निरीक्षण विवरण मेडिकल कॉलेजों के प्रमुख प्रबंधकों और कुछ मध्यस्थों तक पहुंचाए गए। इस जानकारी का इस्तेमाल आरोपियों ने निरीक्षण के मानदंडों में हेरफेर करने और मेडिकल कॉलेजों में अकादमिक कोर्स चलाने की अनुमति पाने के लिए किया।

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