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गुरुग्राम। गुरुग्राम के रियल एस्टेट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत रामप्रस्था प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और इससे जुड़ी संस्थाओं की 80.03 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया है। अटैच संपत्तियों में वाटिका ग्रुप, यूनिटेक ग्रुप और अन्य कंपनियों की प्रॉपर्टीज शामिल हैं।
ईडी का आरोप है कि घर खरीदारों से जमा फंड को प्रोजेक्ट पूरा करने की बजाय इन कंपनियों में डायवर्ट किया गया। अब तक मामले में कुल अटैच-जब्त संपत्ति की कीमत करीब 866 करोड़ रुपए हो गई है। बता दें कि ईडी ने ईओडब्ल्यू दिल्ली और हरियाणा पुलिस की एफआईआर पर जांच शुरू की।
हजारों खरीदारों को दिया धोखा
आरोप है कि आरपीडीपीएल और उसके प्रमोटर्स ने हजारों खरीदारों को धोखा दिया और 10-14 साल बीतने के बाद भी फ्लैट-प्लॉट नहीं दिए। 2008-2011 में कंपनी ने गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92, 93 और 95 में प्रोजेक्ट एज, स्काईज, राइज और रामप्रस्था सिटी लॉन्च किए। 3-4 साल में कब्जा देने का वादा किया, लेकिन नहीं निभाया।
2600 खरीदारों से जुटाए थे 1100 करोड़
जांच में खुलासा हुआ कि 2600 से ज्यादा खरीदारों से करीब 1100 करोड़ रुपए जुटाए गए। ये पैसे प्रोजेक्ट पर खर्च करने की बजाय लोन, एडवांस और जमीन सौदों के नाम पर ग्रुप व अन्य कंपनियों में ट्रांसफर कर दिए गए।
हिरासत में हैं कंपनी के डायरेक्टर
इससे पहले जुलाई 2025 में ईडी ने कंपनी के डायरेक्टर्स अरविंद वालिया और संदीप यादव को गिरफ्तार किया था। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने सर्च ऑपरेशन चलाए और पहले 786 करोड़ की संपत्तियां अटैच की थीं।
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