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नई दिल्ली। चुनाव आयोग पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ( एसआईआर) को एक्शन में आ गया है। यही नहीं, इसको लेकर ईसी आज शाम को एक अहम प्रेस काॅन्फ्रेंस भी करने जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव आयोग इस पीसी में पूरे देश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का ऐलान कर सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि यह कदम आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारियों के तहत उठाया जा रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग के अधिकारी प्रक्रिया और पहले चरण के राज्यों की जानकारी साझा करेंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि एसआईआर से मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ेगी और निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। आयोग ने यह भी बताया कि इस पहल से नए मतदाताओं के नाम सूची में शामिल होंगे और मतदाता पहचान में सुधार होगा। यह कदम लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
एसआईआर का क्या है उद्देश्य?
विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार करना और इसमें नए मतदाताओं का समावेश करना है। इसमें नामों की जांच, पुराने मतदाताओं की पुष्टि, और आवश्यक संशोधन शामिल होंगे। आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। एसआईआर के तहत मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर कर नए मतदाताओं को शामिल किया जाएगा, जिससे चुनावों में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
ये राज्य पहले चरण में होंगे शामिल
हालांकि, अभी तक पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में 10 से 15 राज्य शामिल होंगे। इनमें ऐसे राज्य होंगे, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुद्दुचेरी शामिल हैं। एसआईआर में मतदाता सूची की संपूर्ण समीक्षा की जाएगी और आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
आगामी चुनावों पर प्रभाव
विशेष गहन पुनरीक्षण से 2026 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में मतदाता सूची अधिक सटीक रहेगी। इससे चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और भरोसेमंद होगी। आयोग का लक्ष्य है कि हर योग्य मतदाता मतदान कर सके और किसी भी प्रकार की त्रुटि सूची में न रह जाए। यह कदम भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण है।
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