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दिल्ली से हरियाणा और जयपुर तक डोली धरती : एपिक सेंटर था झज्जर, रही राहत की बात, 4.4 की तीव्रता से आया भूकंप
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में गुरुवार को उस समय दहशत का माहौल निर्मित हो गया जब सुबह करीब 9 बजे अचानक धरतकी कांपने लगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.4 मापी गई है। तेज भूकंप का जैसे ही झटका लगा वैसे ही लोग घरों और आफिसों से बाहर आ गए। झटकों से जमीन करीब 10 सेकेंड तक हिलती रही. भूकंप के झटके हरियाणा में भी महसूस किए है और झज्जर इसका एपिक सेंटर था। राहत की बात यह रही की कोई जनहानि नहीं हुई।
झज्जर में करीब दो मिनट के अंदर दो बार झटके महसूस किए गए। पहला झटका सुबह 9 बजकर 7 मिनट पर और दूसरा हल्का झटका 9 बजकर 10 मिनट पर आया। इससे आसपास के इलाके भी हिल गए और लोग दहशत में आ गए। डरे हुए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप के झटके सुबह 9ः04 पर महसूस किए गए. ये झटके दिल्ली-एनसीआर, गाजियाबाद, नोएडा, जयपुर समेत हरियाणा के कई इलाकों में महसूस किए गए। गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने कहा कि वह दुकान पर था जब झटका महसूस हुआ, ऐसा लगा जैसे दुकान हिल रही हो।
राजस्थान में भूकंप के हल्के झटके
राजस्थान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. राजधानी जयपुर के शाहपुरा में भूकंप के हल्के झटके लगे। सुबह करीब 9.04 मिनट पर जयपुर, सीकर, झुंझुनं सहित एनसीआर के कई एरिया में 10 सेकेंड तक धरती हिली। फिलहाल भूकंप के कारण किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है। प्रशासन और आपदा विभाग ने स्थिति पर नजर रखी हुई है और लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। भूकंप के समय लोगों को अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर रहने या बाहर खुली जगहों पर आने की सलाह दी गई है।
सिस्मिक जोन 4 में आता है दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन 4 में आता है जो भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है। हाल के सालों में इस क्षेत्र में कई बार 4.0 से अधिक तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल, विशेष रूप से इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट्स के टकराव के कारण भूकंप आते हैं। वहीं, भूकंप के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत बल ने भूकंप के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयोगी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों को तीन चरणों में बांटा गया है, जिसमें भूकंप से पहले, भूकंप के दौरान और भूकंप के बाद क्या-क्या करना चाहिए।
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