Latest News

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर नई दिल्ली में आयोजित विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में शामिल हुए। इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के सहयोग से किया गया, जिसकी थीम द मोबिलिटी इम्पेरेटिव थी। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने डिजिटल शासन, भारत में पासपोर्ट सेवा, प्रवासियों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि जब हम बाहरी दुनिया के साथ जुड़ते हैं, तो आर्थिक जुड़ाव की बात करते हैं, हम असल में व्यापार पर ही फोकस करते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन हम अक्सर काम से जुड़ी आवाजाही को नजरअंदाज कर देते हैं। पिछले साल, भारत में रेमिटेंस 135 बिलियन डॉलर था। यह अमेरिका को हमारे एक्सपोर्ट का लगभग दोगुना है। बता दें, रेमिटेंस उस पैसे को कहते हैं जो कोई व्यक्ति विदेश में काम करके स्वदेश में अपने परिवार को भेजता है।
बात सिर्फ रेमिटेंस की नहीं
विदेश मंत्री ने कहा कि बात सिर्फ रेमिटेंस की नहीं है। विदेश में रहने वाले लोगों की अपनी रोजी-रोटी, उन्होंने वहां जो संपत्ति बनाई है, और भारत में जो सेवाएं बनी हैं, इन सबके दूसरे, तीसरे स्तर के परिणाम हैं। और मैं यह आप पर छोड़ता हूं कि आप असल में सोचें कि इस व्यापार का साइज क्या है, जिसे मोबिलिटी कहते हैं। यह साफ तौर पर रेमिटेंस से कई गुना ज्यादा है।
जयशंकर ने आगे कहा कि यह एक सकारात्मक पहलू है। जिंदगी में, इसका एक नकारात्मक पहलू भी है। जब आवाजाही वैध और औपचारिक होती है, तो इसके बहुत सारे सकारात्मक असर होते हैं, लेकिन जब ऐसा नहीं होता है, तो यह हर तरह के बुरे व्यापार को बढ़ावा देता है। आप तस्करी का उदाहरण ले सकते हैं, लेकिन आपने आज मोबिलिटी के महत्व को पहचाना है, मेरे लिए यह संतुष्टि की बात है।
मोबिलिटी के हैं कई पहलू
भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि मोबिलिटी के कई पहलू हैं। एक है डेमोग्राफी। ऐसी जगहें हैं जहां डिमांड है, लेकिन वहां काफी लोग नहीं हैं। यहां डेमोग्राफी और डिमांड बेमेल हैं। दूसरा, कुछ हद तक, कॉम्पिटिशन और टैलेंट है, और तीसरा काम के प्रति सामाजिक नजरिया है। कई मामलों में लोग उस खास तरह का काम नहीं करना चाहते, या वे उस कीमत पर और उस संख्या में उन हालातों में नहीं करना चाहते। मोबिलिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक जरूरी फैक्टर बनता जा रहा है।
भारत में अब 468 पासपोर्ट आवेदन केन्द्र
पासपोर्ट सेवा को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, 10 साल पहले, अगर आपको पासपोर्ट चाहिए होता था, तो मुझे लगता है, भारत में 77 जगहें थीं जहां आप आवेदन कर सकते थे। आज, पिछले 10 सालों में, हमने ऐसी 468 और जगहें जोड़ी हैं। आज भारत का लगभग कोई भी नागरिक ज्यादा से ज्यादा कुछ घंटों का सफर करके पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकता है। 10 साल पहले की तुलना में, जब आपको पासपोर्ट बनवाने के लिए एक अच्छे-खासे शहर में जाना पड़ता था और शायद कुछ दिन बिताने पड़ते थे। पासपोर्ट से ही आपकी मोबिलिटी शुरू होती है, इंटरनेशनल मोबिलिटी शुरू होती है।
टाइमलाइन अपडेट
Advertisement

Related Post