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दिल्ली ब्लास्ट पर अब होंगे अहम खुलासे : 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया अल फलाह यूनिवर्सिटी का फाउंडर, ईडी उगलवाएगी राज

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Author : admin

Published : 19-Nov-2025 11:52 AM

नई दिल्ली। दिल्ली कार धमाके बाद फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी प्रवर्तन निदेशालय के राडार पर है। मंगलवार को 25 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी के बाद ईडी ने फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को अरेस्ट कर लिया। जहां देर रात उसेदिल्ली की साकेत कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शीतल चैधरी प्रधान ने बुधवार रात करीब एक बजे जावेद अहमद सिद्दीकी को ईडी रिमांड पर भेज दिया। कोर्ट ने जावेद को 13 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेजा है। अब ईडी के पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की संभावना है।

कोर्ट ने अपने आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों का पालन किया है और अपराध की गंभीरता को देखते हुए सिद्दीकी को 13 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजा जाना चाहिए। बता दें कि यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद को मंगलवार को दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया। यूनिवर्सिटी की तरफ से किए जा रहे कथित फर्जी मान्यता और भ्रामक दावों की पड़ताल में एक बड़ा खुलासा हुआ है।

यूनिवर्सिटी ने छात्रों की भारी भरकम वसूली

रिमांड नोट के अनुसार, इस संस्था ने कथित तौर पर पिछले कई सालों में छात्रों को भ्रमित कर न सिर्फ एडमिशन लिए, बल्कि भारी भरकम रकम भी वसूली है। आईटीआर के विश्लेषण से यह भी पता चला है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक यूनिवर्सिटी ने करोड़ों रुपए की आय दिखाई। ईडी की जांच में सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2015-16 में क्रमशः 30.89 करोड़ और 29.48 करोड़ रुपए को स्वैच्छिक योगदान यानी वॉलंटरी कंट्रीब्यूशन बताया गया, लेकिन 2016-17 के बाद इनकम को सीधे मेन ऑब्जेक्ट या एजुकेशनल रेवेन्यू के रूप में दिखाया जाने लगा।

यूनिवर्सिटी ने छात्रों के भविष्य के साथ किया खिलवाड़

जांच में पता चला कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 24.21 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 80.01 करोड़ रुपए की आय दर्ज की गई। कुल मिलाकर कथित तौर पर फर्जी मान्यता के नाम पर लगभग 415.10 करोड़ रुपए की रकम हासिल की गई। एजेंसियों का दावा है कि यूनिवर्सिटी ने झूठे दावों और भ्रामक प्रैक्टिस के जरिए छात्रों के विश्वास, भविष्य और उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया। इस मामले में ईडी की जांच दिल्ली पुलिस की एफआईआर से शुरू हुई, जिसके आधार पर अब मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी पड़ताल जारी है।

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