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नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया है। सरकार बनाने का दावा कर रहा विपक्ष महज 36 सीटों पर सिमट गया। महागठबंधन ने इस शर्मनाक हार का ठीकरा एसआईआर पर फोड़ दिया है। कांग्रेस ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप भी लगा दिया है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ आरपार की लड़ाई का भी ऐलान किया है। दरअसल कांग्रेस दिसंबर में एसआईआर के खिलाफ विशाल रैली का आयोजन करने जा रही है।
यह रैली दिसंबर के पहले हफ्ते में रामलीला मैदान में आयोजित की जाएगी। रैली का ऐलान कांग्रेस की बैठक के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया है। बैठक में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया वाले 12 राज्यों से संबंधित सीडब्ल्यूसी सदस्यों, प्रदेश अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों, प्रभारियों और प्रभारी सचिवों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में राहुल गांधी और खरगे शामिल हुए थे।
चुनाव आयोग के राजनीतिकरण का होगा पर्दाफाश
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पार्टी के मीडिया एवं पब्लिसिटी के चेयरमैन पवन खेड़ा ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में रामलीला मैदान में एसआईआर के खिलाफ विशाल रैली कर चुनाव आयोग के राजनीतिकरण का पर्दाफाश किया जाएगा।
चुनाव आयोग जानबूझकर समाज को बांटने का कर रहा काम
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मंगलवार को 12 प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एसआईआर पर विस्तृत बैठक हुई। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अंदर आम भावना यही है कि चुनाव आयोग जानबूझकर समाज के कुछ वर्गों के वोट हटाने की कोशिश कर रहा है। यह बिहार में भी देखा गया और अब इसे 12 राज्यों में लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
वेणुगोपाल ने केरल का दिया उदाहरण
वेणुगोपाल ने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं, और 9 दिसंबर को पहले चरण का मतदान है। उसी दिन बूथ लेवल अधिकारियों को अंतिम सूची देने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि केरल विधानसभा ने एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन चुनाव आयोग नहीं सुन रहा है। अत्यधिक कार्य दबाव के कारण बीएलओ आत्महत्या कर रहे हैं, उन्हें एक महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा जा रहा है।
देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का भयावह प्रयास
उन्होंने असम का भी उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने असम के लिए एक अलग एसआईआर की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का भयावह प्रयास है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि एसआईआर में निशाना बनाकर लोगों के नाम काटे जा रहे हैं और चुनाव आयोग ने जैसी नीति बिहार में अपनाई, वही बाकी राज्यों में भी दोहराई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश चुनाव आयोग के खिलाफ
पवन खेड़ा ने याद दिलाया कि कांग्रेस बिहार चुनाव के पहले से ही एसआईआर को लेकर सवाल उठा रही है और बिहार में वोटर अधिकार यात्रा भी निकाली गई थी। उन्होंने कहा कि एसआईआर के बारे में सुप्रीम कोर्ट के पांच आदेश आए और पांचों ही चुनाव आयोग के खिलाफ रहे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग की बदनीयती को स्पष्ट रूप से देखा। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी ने देशभर में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें पांच करोड़ से अधिक हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर वोटर का अधिकार छीना जाएगा तो हम सब आवाज उठाएंगे और यह हमारा कर्तव्य है।
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