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भोपाल। देश में डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस पर सबसे ज्यादा टैक्स चुका रही मप्र की जनता की जेब को परिवहन विभाग भी ढीली करने जा रहा है। विभाग ने शादी-विवाह (बारात) और धार्मिक यात्राओं पर लगने वाले टैक्स में 66 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की सूचना जारी कर दी है। सूचना पर आने वाली आपत्तियों का निराकरण करने के बाद बारात एवं अन्य यात्राओं का परमिट टैक्स बढ़ाने की सूचना जारी कर दी जाएगी।
परिवहन विभाग ने बारात एवं अन्य यात्राओं के लिए यात्री वाहनों को परमिट जारी करने पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाने की सूचना 10 अक्टूबर को जारी की थी। परिवहन विभाग की सूचना के बाद प्रदेश भर के कई बस ऑपरेटरों ने परमिट शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। विरोध में आईं याचिकाओं पर शुक्रवार को मंत्रालय में परिवहन सचिव ने सुनवाई की। जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने परिचालक (कंडक्टर) सीट का भी टैक्स लेने की सूचना पर आपत्ति की। इसके अलावा शादी-विवाह एवं अन्य यात्राओं पर प्रतिदिन के हिसाब से परमिट टैक्स लिया जाता है। जिसके 66 फीसदी बढ़ाने की तैयारी है। जिससे बारात एवं अन्य सांस्कृतिक एवं धार्मिक यात्राएं के लिए बस संचालकों को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। जिससे आम जनता को यात्राएं महंगी पड़ेंगी।
इन यात्राओं पर पड़ेगा असर
यात्रा परमिट टैक्स बढ़ाने से न सिर्फ सामान्य यात्राएं महंगी होंगी। बल्कि बारात, पिकनिक, धार्मिक, पिंडदान, अनुष्ठानों के लिए की जाने वाली यात्राएं भी महंगी हो जाएंगी। परिवहन विभाग बारात एवं अन्य यात्राओं के लिए अलग से परमिट जारी करता है। टैक्स बढऩे पर आम लोगों पर ज्यादा बोझ आएगा।
ऐसे समझिए टैक्स का गणित
यूं तो यात्री बसों से प्रति सीट के हिसाब से टैक्स वसूला जाता है। शादी-विवाह एवं अन्य यात्राओं के लिए बसों को दिन के हिसाब से परमिट जारी होते हैं। यदि 52 सीटर बस को बारात परमिट 600 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है। जिसे बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिदिन किया जा रहा है। नर्मदापुरम के फौजदार बस संचालक की ओर से इसका विरोध किया गया है।
हमने परिवहन विभाग की सूचना पर आपत्ति लगाई। जिस पर आज सुनवाई थी। जिसमें प्रमुख दो आपत्ति थीं। जिनको लेकर हमने पक्ष रखा है।
- मानव तनवानी, अधिवक्ता
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