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आखिरकार मिल गई कटनी की लापता अर्चना तिवारी : जीआरपी ने नेपाल बार्डर से किया बरामद, थी काठमांडू में, लेकर रवाना हुई टीम
भोपाल। सात अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस से इंदौर से कटनी जाते समय भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से रहस्यमयी ढंग से लापता हुई अर्चना तिवारी आखिरकार मिल गई है। सूत्रों की अनुसार मप्र पुलिस और जीआरपी टीम ने उसे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से बरामद किया है। जीआरपी सूत्रों की मानें तो अर्चना काठमांडू में थी। लोकेशन ट्रेस करने के बाद पुलिस ने उसे फोन कॉल पर नेपाल-भारत सीमा पर बुलवाया और भारत की सीमा में प्रवेश करते ही उसे बरामद कर लिया।
रानी कमलापति थाना जीआपी की टीम अर्चना को लेकर भोपाल के लिए रवाना हो गई है। राजधानी पहुंचने के बाद जीआरपी इस पूरे रहस्यमयी मामले का खुलासा करेगी। बता दें कि अर्चना तिवारी सात अगस्त को लापता हुई थी। वह इन 13 दिनों तक कहां थी, क्या उसका अपहरण हुआ था या वह अपनी मर्जी से गई थी, और उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हुई- इन सबका खुलासा भोपाल में उसके बयान दर्ज होने के बाद होगा।
भोपाल एसपी रेल ने दी जानकारी
भोपाल एसपी रेल राहुल लोढ़ा ने वीडियो जारी कर बताया है कि अर्चना तिवारी को लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल सीमा के पास से बरामद कर लिया गया है। वह सुरक्षित है और जीआरपी की टीम उसे दस्तयाब कर चुकी है। पुलिस टीम उसे लेकर भोपाल के लिए रवाना हो चुकी है। बुधवार दोपहर बाद तक जीआरपी की टीम उसे लेकर भोपाल पहुंचेगी। उधर, परिजन भी कटनी से भोपाल के लिए रवाना हो चुके हैं।
क्या है पूरा मामला?
ज्ञात हो कि कटनी निवासी अर्चना तिवारी इंदौर के सत्कार छात्रावास में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी। रक्षाबंधन पर वह अपने घर जाने के लिए इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच की बी-3 सीट पर बैठकर यात्रा कर रही थी। भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास तक वह अपनी सीट पर देखी गई, इसके बाद वह वहां नहीं मिली और उसका फोन भी बंद हो गया। आठ अगस्त की सुबह ट्रेन के कटनी पहुंचने पर जब अर्चना तिवारी नहीं उतरी, तो उसके परिजनों ने उमरिया में रहने वाले उसके मामा को सूचना दी। उसके मामा ट्रेन के अंदर पहुंचे तो अर्चना का पर्स मिला, जिसमें बच्चों के लिए खिलौने, कुछ सामान और राखी रखी हुई थी। एक बैग में उसके कपड़े भी सुरक्षित रखे हुए थे, लेकिन अर्चना अपनी सीट पर नहीं थी। यात्रियों ने मामा को बताया कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बाद से ही अर्चना अपनी सीट पर नहीं दिखी थी।
पुलिस ने भोपाल से कटनी और इटारसी तक चलाया था तलाशी अभियान
परिजनों की शिकायत पर पुलिस और जीआरपी ने रानी कमलापति स्टेशन से लेकर इटारसी और कटनी तक के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया और स्टेशनों समेत आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. परिजनों को पहले मानव तस्करी की आशंका थी और उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन एसपी लोढ़ा ने इस पहलू पर कोई टिप्पणी नहीं की। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को अर्चना तिवारी लखीमपुर खीरी में नेपाल सीमा के पास मिली। अब पुलिस की टीम उनके साथ भोपाल लौट रही है और पूछताछ के बाद इस रहस्यमयी गुमशुदगी के कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है।
ग्वालियर कनेक्शन भी आया सामने
अर्चना तिवारी की तलाश के दौरान उसके मोबाइल में एक नंबर मिला, जिससे वह अक्सर बात करती थी। उस नंबर को ट्रेस करके जीआरपी ने ग्वालियर के एक थाने में पदस्थ आरक्षक राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। राम तोमर ने स्वीकार किया कि वह अर्चना तिवारी को जानता है, लेकिन उसका कहना है कि वह सिर्फ केस के सिलसिले में अर्चना से बात करता था। अर्चना के लापता होने में उसका कोई हाथ नहीं है। राम तोमर को हिरासत में लेने के बाद ही अर्चना ने मंगलवार सुबह परिजनों को फोन कर अपनी सकुशलता की सूचना दी थी। इसके बाद उसकी लोकेशन ट्रेस कर जीआरपी की टीम ने उसे लखीमपुर खीरी से बरामद किया। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अर्चना के लापता होने में राम तोमर या उससे जुड़े किसी अन्य व्यक्ति की कोई भूमिका है या नहीं।
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