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इंदौर। माउंट एवरेस्ट फतह कर मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने वाली पर्वतारोही भावना डेहरिया को अब विक्रम अवॉर्ड मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनके चयन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया है। वहीं राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराते हुए न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने आदेश सुनाते हुए कहा कि 2023 के एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी के लिए राज्य सरकार द्वारा लिया गया निर्णय नियमों के अनुरूप है और इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी एडवोकेट अनुनय श्रीवास्तव, जो मामले में भावना डेहरिया की ओर से उपस्थित थे, द्वारा साझा की गई। वहीं, राज्य सरकार की ओर से इस मामले में डिप्टी एडवोकेट जनरल श्रेय राज सक्सेना ने प्रभावी तरीके से पक्ष रखा, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया।
याचिका में यह भी किया गया था दावा
यह याचिका मधुसूदन पाटीदार द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वे भावना डेहरिया से वरिष्ठ हैं और उन्हें ही पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि न्यायालय ने पाया कि पाटीदार का एवरेस्ट आरोहण वर्ष 2017 का है, जो मध्य प्रदेश पुरस्कार नियम, 2021 के अनुसार निर्धारित पांच वर्ष की पात्रता अवधि से बाहर है। नियम 5 के अनुसार एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी में केवल पिछले पांच वर्षों के उपलब्धियों को ही मान्य किया जा सकता है। इस आधार पर अदालत ने कहा कि पाटीदार वर्ष 2023 के पुरस्कार के लिए पात्र ही नहीं थे, इसलिए उनका दावा सही रूप से अस्वीकार किया गया।
अदालत ने यह भी स्पष्ट
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया वर्ष 2021, 2022 और 2023 में नियमों के अनुरूप रही है, इसलिए अपर्याप्त जानकारी या नोटिस न देने का आरोप भी टिकाऊ नहीं है। याचिका निर्मूल पाए जाने के बाद अब भावना डेहरिया को विक्रम अवॉर्ड प्रदान करने में कोई बाधा नहीं रही। राज्य सरकार जल्द ही उन्हें आधिकारिक समारोह में सम्मानित करेगी।
इन चोटियों पर फहरा चुकी हैं तिरंगा
छिंदवाड़ा जिले के तामिया गांव की निवासी भावना डेहरिया ने दुनिया की पांच महाद्वीपीय सबसे ऊंची चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराया है, जिनमें-माउंट एवरेस्ट (एशिया), किलिमंजारो (अफ्रीका), कोजिउस्को, ऑस्ट्रेलिया), एलब्रस (यूरोप) और अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका) शामिल है।
एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिला हैं भावना
भावना डेहरिया मध्य प्रदेश से एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिलाओं में शामिल हैं और अब एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी में विक्रम अवॉर्ड पाने वाली पहली महिला भी बनेंगी। वे और उनकी चार वर्षीय बेटी सिद्धि, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। भारतीय हिमालय को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने एक अनूठा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हासिल किया है। भावना ने कहा कि यह पुरस्कार उनके साहस, लगन और पर्वतारोहण में समर्पण का सम्मान है।
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