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RSS चीफ की दो टूक : भारत से पहले ही हिंदू राष्ट, अधिकारिक ऐलान का नहीं मोहताज, आजमाने की भी दी चुनौती

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Author : admin

पब्लिश्ड : 29-08-2025 11:14 AM

अपडेटेड : 29-08-2025 05:44 AM

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि भारत पहले से ही एक हिंदू राष्ट्र है। वह अधिकारिक ऐलान का मोहताज नहीं है। संघ प्रमुख ने यह बड़ा बयान गुरुवार की रात 100 वर्ष की संघ यात्राः नए क्षितिज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया।

मोहन भागवत ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं करना है, वह पहले से है। ऋषियों और मुनियों ने उसको राष्ट्र घोषित कर दिया है। हिंदू शब्द आजकल करते हैं। वह किसी अधिकृत घोषणा का मोहताज नहीं है। वह एक सत्य है। उन्होंने आगे कहा कि मानने से आपका लाभ है और न मानने से आपका नुकसान है। आजमा कर देख सकते हैं।

हम भारतीय हैं

संघ के विश्व दृष्टिकोण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए भागवत ने उस साझा सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित किया, जो विभिन्न धर्मों के भारतीयों को एक सूत्र में बांधती है। उन्होंने कहा, मुसलमान और ईसाई हमारे अतीत और साझा संस्कृति की साझी चेतना से जुड़ेंगे। हम मुसलमान हो सकते हैं, हम ईसाई हो सकते हैं, लेकिन हम यूरोपीय नहीं हैं, अरब या तुर्क नहीं हैं, हम भारतीय हैं। उन्होंने अखंड भारत के विचार पर बात करते हुए तर्क दिया कि यह अवधारणा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सभ्यतागत है।

अखंड भारत के समय शासकों को प्रवेश करने की लेनी होती थी अनुमति

भागवत ने कहा कि जब अखंड भारत अस्तित्व में था, तब यहां अनेक शासक थे, तब भी, किसी शासक को प्रवेश करने या यात्रा करने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती थी, लेकिन उस भूमि की जनता उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम, कहीं भी स्वतंत्र रूप से आ-जा सकती थी, कहीं भी रह सकती थी, अपनी आजीविका कमा सकती थी, और कहीं भी खा सकती थी।

विदेशी धन सेवा कार्यों के लिए आता है तो कोई समस्या नहीं

उन्होंने आगे कहा कि अगर विदेशी धन सेवा कार्यों के लिए आता है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल उसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए। समस्या तब पैदा होती है, जब इस धन का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए किया जाता है, इसलिए प्रतिबंध जरूरी हो जाते हैं।

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