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मप्र कांग्रेस में नहीं थम रहा वंशवाद : एक महीने में पार्टी के दो बड़े पदों पर बैठे नेताओं के बेटा-बेटी को मिली तवज्जो, नियुक्ति पर उठ रहे सवाल

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Author : admin

Published : 24-Nov-2025 01:05 PM

भोपाल। देश की राजनीति में वंशवाद की बेल बढ़ती जा रही है। खासकर कांग्रेस में वंशवाद की जड़ें और गहरी होती जा रही हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद नेताओं के बेटा-बेटियों और रिश्तेदारों को बड़े पदों पर सीधी नियुक्तियां मिलने की पंरपरा थम नहीं रही है। हाल ही में मप्र कांग्रेस ने दो प्रमुख पद युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षों के पद पर नेताओं के बेटा और बेटियों को नियुक्त किया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी वंशवाद को लेकर एक बार फिर चर्चा में है।

पार्टी नेता राहुल गांधी के निर्देश पर मप्र युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत कराया गया। करीब 4 महीने से ज्यादा समय तक चली संगठन चुनाव प्रक्रिया में पूर्व मंत्री एवं विधायक लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया को युवा कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। नेता पुत्र की इस नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के अंदरखाने भारी विवाद मचा। युवा कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला ठंडा नहीं पड़ा, उससे पहले पार्टी नेतृत्व ने मप्र महिला कांगे्रस अध्यक्ष के पद पर पूर्व सांसद प्रेेमचंद्र गुड्डू की बेटी रीना बोरासी को नियुक्त कर दिया। प्रेमचंद्र गुड्डू कांग्रेस से सांसद रहे हैं।

हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी फिर वापस आ गए थे। 2023 का विधानसभा चुनाव में गुड्डू ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर इंदौर की सांवेर सीट से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। खास बात यह है कि कांग्रेस ने सांवेर सीट से प्रेमचंद्र गुड्डू की बेटी रीना बोरासी को ही चुनाव लड़ाया था। रीना बोरासी को कांग्रेस ने अब महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बना दिया है। जबकि इस पद के लिए पार्टी में अन्य कई महिला दावेदार थीं, लेकिन वंशवाद की बेल गहरी नहीं होने की वजह से उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं मिली है।

यश घनघोरिया की कराई थी बैकडोर एंट्री

दरअसल, युवा कांग्रेस के चुनाव में उन्हीं युवा नेताओं को शामिल करना था, जो पहले से युवा कांग्रेस में सक्रिय थे। लेकिन युवा कांग्रेस की ऑनलाइन सदस्यता प्रक्रिया के बीच पार्टी ने नियमों को शिथिल करते हुए हाईपरफार्मर युवाओं को सदस्यता सूची में शामिल किया। करीब 47 हाईपरफार्मर युवाओं में पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया का भी नाम शामिल थे। बाद में ऑनलाइन चुनाव प्रक्रिया में यश घनघोरिया सबसे ज्यादा वोट पाकर युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बन गए थे। हालांकि युवा कांग्रेस की ऑनलाइन प्रक्रिया पर मप्र भाजपा ने वोट चोरी के आरोप लगाते हुए चुटकी ली थी। साथ ही परिणाम के समय मप्र कांगे्रस मेें ही युवा कांग्रेस चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठे थे।

वंशवाद की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रही कांग्रेस

दरअसल, मप्र में कांग्रेस का लगातार कमजोर होने का एक बड़ा कारण भी पार्टी के भीतर वंशवाद हावी होना है। कांग्रेस में प्रमुख पदों पर वंशवाद से आए नेताओं का दबदबा है। पार्टी में अजा, अजजा वर्ग को छोड़कर ज्यादातर अन्य विधायक वंशवाद से आए हैं। कांग्रेस आलाकमान वंशवाद से पार्टी को हो रहे खतरे को लेकर कई बार मंथन कर चुका है, लेकिन टिकट बंटवारे, संगठन में नियुक्तियों में वंशवाद को आगे बढने से नहीं रोक रहा है।

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