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नई दिल्ली। दिल्ली की जहरीली हवा पर सियासत गरमा गइ्र है। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि जानलेवा हो चुका प्रदूषण लोगों की जान का दुश्मन बन रहा है, लेकिन सरकार को फर्क नहीं पड़ रहा।
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, एनसीपी-एसपी की नेता सुप्रिया सुले और टीएमसी के कल्याण बनर्जी समेत विपक्ष के तमाम सांसद शामिल थे। मास्क पहनकर आए सांसदों ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की। सोनिया गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, प्रदूषण के कारण छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्ग बेहद परेशान हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि वो प्रदूषण के खिलाफ कुछ करे।
दिल्ली में सांस नहीं ले पा रहे बच्चे और बुजुर्ग: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि दिल्ली में बच्चे और बुजुर्ग सांस नहीं ले पा रहे हैं। हर साल हालात बिगड़ते हैं, लेकिन सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, सिर्फ बयानबाजी करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाए, हम सभी साथ खड़े हैं। कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, प्रदूषण का मुख्य कारण दिल्ली की धूल है। 2014 में आपने लोगों से वादा किया था कि आप उन्हें एयर पॉल्यूशन से मुक्ति दिलाएंगे। अब हम आपको वह वादा याद दिला रहे हैं। समाधान के बारे में बात करें और चुनाव मोड से बाहर निकलें।
अजय माकन ने भी सरकार को घेरा
कांग्रेस के सांसद अजय माकन ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण एक खतरनाक स्थिति में है। केंद्र और दिल्ली में एक ही पार्टी की सरकार है। सच्चाई ये है कि पिछले 10 साल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जब 15 साल पहले हमारी सरकार पावर में थी, तो हमने पूरे ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदल दिया था और दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए 6 हजार सीएनजी बसें शुरू की थीं। तब से कोई नई बसें नहीं जोड़ी गई हैं। जब तक कंस्ट्रक्शन को रेगुलेट नहीं किया जाएगा, दिल्ली में पॉल्यूशन कम नहीं होगा।
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