Latest News
मोदी सरकार की बड़ी तैयारी : देश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बदलें जाएंगे एआई-ड्रिवन ट्रेनिंग सेंटर में, तीन साल से चल रहा काम
नई दिल्ली । दिल्ली में इंडियन फाउंडेशन फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट (आईएफक्यूएम) के एनुअल इवेंट को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुड न्यूज दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश भर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को एआई-ड्रिवन ट्रेनिंग सेंटर में बदलने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार पिछले दो-तीन वर्षों से स्किलिंग और अपस्किलिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसके लिए वार्षिक बजट में प्रावधान किए हैं।
उन्होंने कहा कि क्योंकि आईटीआई तेजी से बदलते प्रोडक्शन एनवायरमेंट में योगदान नहीं दे रहे थे, इसलिए केंद्र सरकार ने उन्हें अपग्रेड करने के लिए एक हब-एंड-स्पोक मॉडल लॉन्च किया। वित्त मंत्री ने कहा, अगर ये आईटीआई राज्य के भीतर हब-एंड-स्पोक मॉडल अडॉप्ट करते हैं तो हम उन्हें एआई-ड्रिवन ट्रेनिंग सेंटर में अपग्रेड करने के लिए आवश्यक पूरी धनराशि प्रदान कर पाएंगे।
चाहत रखने वाले युवाओं को सिखाई जाएगी स्किल
उन्होंने आगे कहा, सरकार ने एआई से जुड़े आरएंडडी और ट्रेनिंग के लिए इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए आईआईटी या भारतीय विज्ञान संस्थान जैसे कुछ उत्कृष्ट संस्थानों की पहचान की है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि इस बजट का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि युवाओं को जमीनी स्तर पर एआई-ड्रिवन स्कील दी जाएं। चाहे वे स्कूल ड्रॉपआउट हों या पासआउट हों, चाहे वे किसी प्रकार की योग्यता प्राप्त कर चुके हों और उनके पास कोई डिग्री हो। एआई से जुड़े स्किल को सीखने की चाहत रखने वाले प्रत्येक युवा को स्किल सिखाई जाएंगी।
वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र से की अपील
उन्होंने कहा, ऐसे सभी लोगों को आईटीआई-बेस्ड योजना में शामिल किया जाएगा। ये हब छात्रों को व्यावहारिक एआई ट्रेनिंग प्रदान करेंगे। भारत के युवाओं को शिक्षा पूरी करने के बाद क्विक और डायरेक्ट रोजगार के लिए तैयार करने के लिए उन्हें अपस्किल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी की अपील की।
युवाओं को तैयार करने में निजी क्षेत्र की हो भागीदारी
वित्त मंत्री ने कहा, युवाओं के पास डिग्री तो है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय कंपनियों का हिस्सा बनने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार नहीं किया जाता है। यह काम हम सभी को करना होगा। मैं चाहती हूं कि युवाओं को क्विक और डायरेक्ट रोजगार के लिए तैयार करने में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भी भागीदारी हो।
Advertisement
Related Post