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मुंबई। सोशल मीडिया के दौर में जहां हर कोई अपनी बात सबसे ऊपर रखना चाहता है, वहीं अच्छा व्यवहार, धैर्य और शालीनता धीरे-धीरे पीछे छूटती जा रही है। आज बातचीत कम और बहस ज्यादा हो गई है। लोग सामने वाले की भावना समझने से पहले उस पर राय बना लेते हैं। इसको लेकर बॉलीवुड के मशहूर फिल्ममेकर और प्रोड्यूसर करण जौहर ने अपने विचार साझा किए।
करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर एक नोट पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, आज के समय में लोग अच्छे व्यवहार को लगभग भूलते जा रहे हैं। क्या अब किसी के मैसेज या ईमेल का ठीक से जवाब देना भी मुश्किल हो गया है? अगर जवाब आता भी है, तो वह सिर्फ एक शब्द या बिना भाव के होता है। सम्मान और अपनापन छोटी-छोटी बातों से झलकता है, जैसे ढंग से बात करना या सामने वाले को महसूस कराना कि उसकी बात मायने रखती है।
दूसरो की सफलता पर जलते हैं लोग
करण जौहर ने इस बात पर चिंता जताई कि लोग अब दूसरों की सफलता पर खुश होने के बजाय उनसे जलने लगे हैं। उन्होंने कहा, आज समाज में यह देखने को मिलता है कि किसी के आगे बढ़ने पर तारीफ कम और आलोचना ज्यादा होती है। वहीं, जब कोई असफल होता है तो लोग उसे सहारा देने के बजाय उसका मजाक उड़ाते हैं। यह सोच न सिर्फ गलत है, बल्कि समाज को अंदर से कमजोर बनाती है। मेरा मानना है कि आलोचना जरूरी है, लेकिन वह बिना गुस्से और नफरत के होनी चाहिए।
नफरत फैलाने का जरिया न बने सोशल मीडिया
सोशल मीडिया को लेकर करण जौहर ने कहा, आज लोग सोशल मीडिया को अपनी भड़ास निकालने की जगह बना चुके हैं। निजी परेशानियां, गुस्सा और नकारात्मक सोच बिना सोचे-समझे सबके सामने रख दी जाती है। इसका असर दूसरों की सोच पर पड़ता है और माहौल और ज्यादा जहरीला हो जाता है। सोशल मीडिया नकारात्मकता का अड्डा बन गया है। इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए और इसे नफरत फैलाने का जरिया नहीं बनाना चाहिए।
हर कोई देना चाहता है उपदेश
अपने पोस्ट में करण जौहर ने उन लोगों पर भी सवाल उठाए जो हर वक्त दूसरों को ज्ञान देते रहते हैं। उन्होंने कहा, आज हर कोई उपदेश देना चाहता है, लेकिन खुद उस पर चलने से बचता है। जो लोग दूसरों को सही रास्ता दिखाते हैं, उन्हें खुद भी वही रास्ता अपनाना चाहिए। सिर्फ बोलना काफी नहीं, व्यवहार में भी वही बात दिखनी चाहिए। हमें हर समय दयालु बने रहने की कोशिश करनी चाहिए।
करण जौहर ने जजमेंटल सोच पर भी की बात
पोस्ट के दूसरे हिस्से में करण जौहर ने जजमेंटल सोच पर बात की। उन्होंने कहा, श्श्आज हर कोई खुद को नैतिकता का ठेकेदार समझने लगा है। लोग बिना पूरी बात जाने दूसरों पर उंगली उठा देते हैं। कौन कैसा है, हम इसका फैसला करने वाले कोई नहीं होते। दूसरों को जज करने से पहले हमें खुद के अंदर झांकना चाहिए, क्योंकि हर इंसान में कमियां होती हैं। पोस्ट के आखिर में करण जौहर ने कहा, असली शालीनता यही है कि इंसान खुद को जैसे है, वैसे अपनाए। अपनी कमियों, उलझनों और अधूरेपन के साथ खुद को स्वीकार करना सीखें।
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