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भोपाल। सतना जिले के अस्पताल में 6 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। इतना ही आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मुख्य सचिव से 4 हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी नोटिस जारी किया गया है।
बच्चों का चल रहा था थैलेसीमिया का इलाज
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वतरू संज्ञान लेकर कहा कि मप्र के सतना जिला अस्पताल में बच्चों को रक्त चढ़ाने के बाद कम से कम छह बच्चे एचआईवी पॉजिटिव हो गए। बताया जा रहा है कि उनका थैलेसीमिया का इलाज चल रहा था, जिसके लिए समय-समय पर खून चढ़ाने की जरूरत होती है। बच्चों में जनवरी से मई 2025 के बीच एचआईवी पॉजिटिव पाया गया और यह मामला अब सामने आया है।
आयोग ने अन्य राज्यों के सीएस को भी भेजा नोटिस
आयोग ने मप्र समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे नोटिस में कहा है कि यदि मीडिया रिपोर्ट सही हैं, तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं होने की जानकारी भी आयोग को मिली है। इसलिए, कमीशन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार हफ्तों के अंदर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उम्मीद है कि इसमें इस मुद्दे से निपटने के लिए उनके द्वारा उठाए गए या प्रस्तावित कदमों की जानकारी शामिल होगी।
अंदरूनी तौर पर यह पता लगाने हो रही कोशिश
उल्लेखनीय है कि हाल ही में खबरें सामने आई कि सतना के अस्पताल में 6 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ाया गया है। मप्र के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में अंदरूनी तौर पर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अन्य अस्पतालों में भी खून चढ़ाने के बाद एचआईवी पाए गए हैं या नहीं।
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