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पटना। बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में हर घर सरकारी नौकरी का वादा किया है, लेकिन तेजस्वी की यह घोषणा महागठबंधन को रास नहीं आई है। कांग्रेस नेता और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने आरजेडी नेता के वादे का विरोध करते हुए कहा कि बिहार में सरकारी नौकरी का मुद्दा ही नहीं है।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने राजद नेता तेजस्वी यादव के श्हर घर में सरकारी नौकरीश् दिए जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, यहां सरकारी नौकरी मुद्दा ही नहीं है। सरकारी नौकरी का मैटर नहीं है। तेजस्वी यादव का कहना यह है कि रोजगार देंगे। इसका संदर्भ सरकारी नौकरी से नहीं है।
गहलोत ने भी तेजस्वी के वादे का नहीं किया समर्थन
सिर्फ पप्पू यादव ही नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने भी तेजस्वी यादव के वादे का समर्थन नहीं किया है। हर घर सरकारी नौकरी के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा, थोड़ा इंतजार कीजिए। घोषणापत्र आने वाला है। उसमें सब कुछ साफ हो जाएगा। हालांकि, इस दौरान पत्रकारों ने अशोक गहलोत से सीधे पूछ लिया कि ष्मेनिफेस्टो से पहले तेजस्वी यादव घोषणा करते जा रहे हैं, पहले भी ऐलान किया, तो क्या महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है? जवाब में अशोक गहलोत ने कहा, कुछ चीजें हैं जिन्हें हम हासिल करना चाहते हैं और हम दिखाना चाहते हैं कि सरकार बनने के बाद हम ये चीजें करेंगे, लेकिन आखिर में जब महागठबंधन का घोषणापत्र आएगा तो स्थिति साफ हो जाएगी।
तेजस्वी ने किया है यह वादा
इससे पहले, तेजस्वी यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि बिहार में सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर अधिनियम लाया जाएगा और अगले 20 महीनों में हर घर में सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, बिहार के हर परिवार में सरकारी नौकरी होगी। इससे हमारे साथ-साथ बिहार की जनता सरकार को चलाने का काम करेगी। अहम यह है कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस और अन्य दलों के साथ बिना घोषणापत्र के ही हर घर सरकारी नौकरी का वादा किया। फिलहाल इस पर महागठबंधन के घटक दलों में ही मतभेद दिखाई पड़ने लगा है।
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