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पश्चिमी चंपारण। बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी जन सुराज पार्टी को करारा झटका लगा है। यही नहीं जीत तो दूर, जन सुराज के ज्यादातर उम्मीदवार जमानत तक नहीं बचा पाए। करारी हार का आहत पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक दिन का मौन व्रत रखा और हार पर चिंतन किया।
प्रशांत किशोर गुरुवार को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिन के प्रायश्चित मौन व्रत पर बैठे। उन्होंने पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और इसके बाद निर्धारित स्थान पर बैठकर मौन व्रत की शुरुआत की थी। उनका यह मौन व्रत शुक्रवार सुबह 11 बजे तक जारी रहा।
भितिहरवा आश्रम से कर रहे नई शुरुआत: बोले पार्टी के नेता
इसी बीच, जन सुराज पार्टी के नेता मनीष कश्यप ने कहा, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा आश्रम से एक बार फिर नई शुरुआत कर रहे हैं। तीन साल पहले हमने भितिहरवा आश्रम से शुरुआत की थी। हम बिहार को बदलने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पलायन जैसे विषयों को लेकर चले थे। ये प्रमुख मुद्दे थे, लेकिन हमें उतनी सफलता नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। इसीलिए हम अब यहां हैं।
अब बिहार के लोगों को जगाने का काम करेंगे पीके
मनीष कश्यप ने आगे कहा, प्रशांत किशोर यहां एक दिन का मौन व्रत रख रहे हैं और इसके खत्म होने के बाद हम एक बार फिर बिहार के लोगों को जगाने और राज्य को बदलने की दिशा में काम करेंगे। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी शून्य पर सिमट गई। पार्टी 238 सीटों पर मैदान में थी, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई।
हार पर यह बोले थे पीके
नतीजों के बाद प्रशांत किशोर ने हार को स्वीकार किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन साल में जितनी मेहनत करते हुए बिहार की जनता ने देखा है, उससे दोगुनी ताकत से मेहनत करते हुए आप मुझे अगले पांच साल देखेंगे। हार तब होती है, जब आप प्रयास छोड़ देते हैं।
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