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पीएमजेडीवाई के 11 साल : पीएम मोदी बोले- स्कीम ने लोगों का बढ़ाया सम्मान, भाग्य खुद लिखने की दी शक्ति
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकंक्षी जन-धन योजना के गुरुवार को 11 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा है कि जन धन योजना ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी। बता दें कि पीएम मोदी ने 28 अगस्त 2014 को जन धन योजना की शुरुआत की थी। 11 साल पहले शुरू हुई यह योजना भारत के वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई। एक ओर जहां यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल साबित हुई। वहीं इससे गरीब और वंचित लोगों की बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित हुई। वित्त मंत्रालय के अनुसार, 13 अगस्त 2025 तक देशभर में 56.16 करोड़ पीएमजेडीवाई खाते खुले। इसमें 55.7 प्रतिशत (31.31 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं, जबकि 66.7 प्रतिशत (37.48 करोड़) जन-धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएमजेडीवाई ने वित्तीय समावेशन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को गौरवान्वित किया है। माय गवर्नमेंट इंडिया की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ा होता है, तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री जनधन योजना ने ठीक यही हासिल किया। इसने सम्मान बढ़ाया और लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी।
योजना के 11 साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने अपने संदेश में कहा कि वित्तीय समावेशन आर्थिक वृद्धि और विकास का एक प्रमुख चालक है। बैंक खातों तक सार्वभौमिक पहुंच गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने और इसके अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाती है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, 13 अगस्त 2025 तक प्रति खाता औसत जमा राशि 4,768 रुपए है। अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाता औसत जमा राशि में 3.7 गुना वृद्धि हुई। इसके अलावा, पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 38.68 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए।
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