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अयोध्याः दिव्य-भव्य राम मंदिर लहराया भगवा ध्वज : पीएम मोदी बोले- आज सिद्धियों को प्राप्त हुआ संदिया का संकल्प, मानसिक गुलामी से मुक्ति दिलाने किया ऐलान

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Author : admin

Published : 25-Nov-2025 01:38 PM

अयोध्या। राम नगरी का नाम एक बार फिर इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। दिव्य और भव्य राम मंदिर में भगवा ध्वज लहरा गई है। यह शुभ कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभ घडी में अपने हाथों से किया। उन्होंने मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी ने रामभक्तों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामभक्तों को संबोधित करते हुए कहा, आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है। हर रामभक्त के हृदय में अद्वितीय संतोष, असीम कृतज्ञता, अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णावती है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्ज्वलित रही। जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं, एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं।

धर्म ध्वजा भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज

उन्होंने कहा, यह धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका भगवा रंग, सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित ओम शब्द और अंकित कोविदार वृक्ष, रामराज्य की कृति को दिखाता है। यह ध्वज, संकल्प, सफलता, संघर्ष से सृजन और सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार रूप है। यह संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणति है। आने वाली सदियां और कई शताब्दियों तक प्रभु श्रीराम के आदर्शों और सिद्धांतों का उद्घोष करेगा।

ध्वज सत्यमेव जयते का करेगा आह्वान

पीएम मोदी ने कहा, यह ध्वज सत्यमेव जयते का आह्वान करेगा। यह धर्म ध्वज उद्घोष करेगा कि सत्य में ही धर्म स्थापित है। यह श्प्राण जाय पर वचन नहीं जाएश् के वचन की प्रेरणा बनेगा। यह संदेश देगा कि विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो। यह प्रार्थना करेगा कि भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति और सुख हो। हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो और कोई दुखी न हो।

मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर अयोध्या लौटे राम

प्रधानमंत्री ने कहा, अयोध्या वह भूमि है, जहां आदर्श आचरण में बदलते हैं। यही वह नगरी है, जहां से श्रीराम ने अपना जीवन पथ शुरू किया। इसी अयोध्या ने संसार को बताया कि कैसे एक व्यक्ति समाज की शक्ति से उसके संस्कारों से पुरुषोत्तम बनता है। जब राम अयोध्या से गए तो युवराज राम थे, लेकिन जब लौटे तो मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर आए। इसमें अगिनत लोगों की भूमिका रही। विकसित भारत बनाने के लिए सामूहिक स्तर की भूमिका है।

धर्म ध्वज का वाल्मीकि जी ने किया वर्णन

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि धर्म ध्वजा पर कोविदार वृक्ष बना है। जब भरत अपनी सेना के साथ चित्रकूट पहुंचे, तब लक्ष्मण ने दूर से ही अयोध्या की सेना को पहचान लिया। इसका वर्णन वाल्मीकि जी ने किया है। लक्ष्मण कहते हैं कि सामने जो ध्वज दिख रहा है, वह अयोध्या का धर्म ध्वज है, जिस पर कोविदार वृक्ष बना है। यह वृक्ष अपने को याद दिलाता है कि जब हम इसे भूलते हैं, तब अपनी पहचान खो देते हैं। आज से 190 साल पहले 1835 में मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने भारत में मानसिक गुलामी की नींव रखी। आने वाले 10 वर्षों में उसके 200 साल होने वाले हैं। हमने संकल्प लिया है कि आने वाले 10 वर्षों में हम मानसिक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाकर रहेगें।

मानसिक गुलामी ने राम को भी काल्पनिक बता दिया

पीएम ने आगे कहा कि हमने नौसेना के ध्वज से गुलामी की मानसिकता को हटाया। ये गुलामी की मानसिकता ही है, जिसने राम को नकारा है। भारतवर्ष के कण-कण में भगवान राम हैं। लेकिन, मानसिक गुलामी ने राम को भी काल्पनिक बता दिया। आने वाले एक हजार वर्ष के लिए भारत की नींव तभी मजबूत होगी, जब आने वाले 10 साल में हम मैकाले की मानसिक गुलामी से छुटकारा पा लेंगे। 21वीं सदी की अयोध्या विकसित भारत का मेरुदंड बनकर उभर रही है।

सांस्कृतिक चेतना के एक और पल की साक्षी बनी राम नगरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और पल की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है। आज रामभक्तों के दिल में असीम आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है, जिसकी अग्नि पांच सौ वर्ष तक प्रज्ज्वलित रही।

धर्म ध्वज इतिहास के सुंदर जागरण का मंच

आज भगवान श्रीराम के गर्भगृह की अनंत ऊर्जा प्रतिष्ठापित हुआ। यह धर्मध्वज इतिहास के सुंदर जागरण का रंग है। इसका भगवा रंग, इस पर लगी सूर्यवंश की थाती रामराज की कीर्ति को। यह ध्वज संकल्प है, यह संकल्प से सिद्धि की भाषा है, यह सदियों के संघर्ष की सिद्धि है, सदियों के सपने का साकार स्वरूप है, राम के आदर्शों का उद्घोष है। संतों की साधना और समाज की सहभागिता की गाथा है। यह धर्मध्वज प्रभु श्रीराम के आदर्शों का उद्घोष करेगा, सत्यमेव जयते का उद्घोष करेगा। यह ध्वज प्राण जाए पर वचन न जाई। की प्रेरणा है।

पीएम ने कहा कि अयोध्या में आज शानदार रेलवे स्टेशन है। वंदे भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें हैं। जब से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, तब से 45 करोड़ श्रद्धालु यहां दर्शन को आ चुके हैं। इससे अयोध्या व आसपास के लोगों का आर्थिक विकास हुआ है। 21वीं सदीं का आने वाला समय काफी महत्वपूर्ण है। पिछले 11 साल में भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया है। वह दिन दूर नहीं जब भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन जाएगा।

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