Download App

Latest News

कमलनाथ की राह पर दिग्गी राजा : राज्यसभा में जाने की खातिर आएसएस की तारीफ!स्किल इंडिया स्कीम में 9,200 करोड़ का बड़ा घोटाला : कैग रिपोर्ट का हवाला दे नाथ ने केन्द्र सरकार को घेरा, कहा- गहरी हैं भ्रष्टाचार की जड़ेंबांग्लादेश : अल्पसंख्यकों पर हिंसा से दुखी कवि, ऐसे लोगों की चुप्पी पर को सुनाई खरी-खरी उन्नाव रेप केसः सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलीं कांग्रेस नेत्री : कई बेटियों के लिए आज भी जिंदा है उम्मीद की किरण, इनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारीठाकुर बांके बिहारी मंदिर : 5 जनवरी तक वृंदावन आने से करें परहेज, प्रबंधन ने की भक्तों से की गुजारिश, नए साल में बढ़ सकती है भीड़बॉर्डर-2 के ‘घर कब आओगे’ का टीजर रिलीज : आइकॉनिक म्यूजिक के साथ ताजा हुईं पुरानी यादें, 23 जनवरी को आएगी परदे पर

बांग्लादेश : अल्पसंख्यकों पर हिंसा से दुखी कवि, ऐसे लोगों की चुप्पी पर को सुनाई खरी-खरी

अल्पसंख्यकों पर हिंसा से दुखी कवि, ऐसे लोगों की चुप्पी पर को सुनाई खरी-खरी
a

admin

Dec 29, 202502:36 PM

रायपुर। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कवि कुमार विश्वास ने गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह घटना बेहद दुखद और पीड़ादायक है। किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ इस तरह की हिंसा पूरे मानव समाज के लिए शर्मनाक है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर मजबूती और निर्णायक तरीके से ध्यान देना चाहिए। हो सकता है कि सरकार पहले से ही इस विषय पर विचार कर रही होगी, लेकिन ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ-साथ कठोरता भी जरूरी है।

अल्पसंख्याकों पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी क्यों?

कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि दुनिया भर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो छोटी या बड़ी किसी भी घटना पर मानव हानि को लेकर बहुत अधिक विलाप करते हैं। भारत में भी एक ऐसा वर्ग है जो हर मुद्दे पर बहुत मुखर होकर विलाप करता है। लेकिन, जब बांग्लादेश में एक निर्दोष अल्पसंख्यक को जिंदा जला दिया जाता है, तब वही लोग चुप हो जाते हैं। न बयान आते हैं, न चिंता दिखाई देती है। ऐसे में उनका दोहरा रवैया दुनिया के सामने उजागर हो जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी युवा नेता की हत्या पर अंतरराष्ट्रीय बहस हो सकती है, तो फिर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी क्यों?

मानवता की रक्षा किसी एक देश का दायित्व नहीं

कुमार विश्वास ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की बात करने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि मानवता की रक्षा किसी एक देश का नहीं, पूरे विश्व का दायित्व है। जब हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत, हमारी परंपरा, जो कभी बोरीशिल्लाह जैसे क्षेत्रों तक फैली थी, वहां तक हिंसा की आग पहुंच जाए, तो यह बेहद चिंताजनक है। ऐसी आग को वहीं बुझना चाहिए, आगे नहीं बढ़ना चाहिए।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder
बांग्लादेश : अल्पसंख्यकों पर हिंसा से दुखी कवि, ऐसे लोगों की चुप्पी पर को सुनाई खरी-खरी