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देश को मिला नया सीजेआई : राष्ट्रपति ने जस्टिस सूर्यकांत को 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दिलाई शपथ, कांटों भरा है ताज

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Author : admin

Published : 24-Nov-2025 11:36 AM

नई दिल्ली। देश को नया सीजेआई मिल गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में सोमवार सुबह जस्टिस सूर्यकांत को 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर भूटान, मलेशिया, नेपाल और श्रीलंका समेत कई देशों के मुख्य न्यायाधीश भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई भी मौजूद रहे।

बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई भूषण आर गवई की जगह ली है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया। इनका कार्यकाल 14 महीने का होगा. क्योंकि जस्टिस सूर्यकांत फरवरी 2027 में सेवानिवृत हो जाएंगे। जज के तौर पर पहले भी कई बड़े देशव्यापी मसलों की सुनवाई में शामिल रहे हैं और आगे भी उनके सामने राष्ट्रहित से जुड़े मामले चुनौती के रूप में आने वाले हैं।

एसआईआर और वक्फ एक्ट का मामला होगी बड़ी चुनौती

अभी देशभर में एसआईआर चल रहा है। कई जगहों पर इसका विरोध भी शुरू हो गया है। इसको लेकर भी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। ऐसे में सीजेआई के तौर पर जस्टिस सूर्यकांत के सामने यह एक बड़ा मामला होगा. इसी तरह वक्फ एक्ट का मामला भी एक बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा तलाक-ए-हसन पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई भी अहम मामाला है। इस प्रथा के मुताबिक तीन महीने के अंदर पति एक-एक बार तलाक कहकर शादी को खत्म कर सकता है. इसी प्रथा की वैधता को चुनौती दी गई है।

हरियाणा के मीडिल क्लास में हुआ था सूर्यकांत का जन्म

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की और फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। इस दौरान उन्होंने कई तरह के संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और यहां तक ​​कि खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया।

2001 में बने सीनीयर एडवोकेट

जुलाई 2000 में उन्हें हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल बनाया गया। इसके बाद, 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया और 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया। बाद में, उन्होंने अक्टूबर 2018 से 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम किया। नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे हैं।

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