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भोपाल। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं से मध्यप्रदेश कांप उठा है। राजधानी भोपाल समेत जिलों का पारा 5 से 10 डिग्री के बीच पहुंच गया है। मंगलवार की रात भोपाल का 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है, जो पिछले 84 साल में नवंबर महीने का सबसे कम तापमान है। इससे पहले 1940 में भोपाल में 5.6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ था।
इसके अलावा इंदार, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा, बैतूल, देवास, सीहोर, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, सागर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, पन्ना, दमोह, जबलपुर, कटनी, मैहर और शहडोल भी शीतलहर की चपेट में हैं। मप्र में राजगढ़ सबसे ठंडा रहा जहां पारा 5 डिग्री तक गिर गया। उमरिया में 7 डिग्री, इंदौर में 7.2 डिग्री, नौगांव में 7.3 डिग्री, बैतूल में 8.2 डिग्री, रीवा में 8.3 डिग्री, मलाजखंड (बालाघाट) में 8.4 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 9.6 डिग्री और जबलपुर में 9.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
यह जिले दिन में भी ठंडे
मलाजखंड, सिवनी, सीधी और पचमढ़ी दिन में भी सबसे ठंडे रहे। मलाजखंड में अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री, सिवनी में 24.4 डिग्री और पचमढ़ी में 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोपाल में 25.4 और इंदौर में 26.1 डिग्री तापमान रहा। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से नवंबर में ठंड के साथ बारिश का रुझान रहा है। इस साल भी तापमान सामान्य से जल्दी गिरा है। अक्टूबर में औसत से 121ः ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
बदला स्कूलों का समय
इंदौर में ठंड को देखते हुए से स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से लागू करने का आदेश दिया है। भोपाल में भी नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं सुबह 8रू30 बजे से पहले नहीं लगेंगी। ग्वालियर, देवास, झाबुआ, छिंदवाड़ा, सागर, शहडोल और खंडवा में भी स्कूल टाइमिंग बढ़ाई गई है।
टाइमलाइन अपडेट
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