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आरएसएस चीफ ने संघ को बताया विश्व का अनोखा संगठन : बेंगलुरू में बोले- भारत समेत कई देशों में कर रहा समाजसेवी कार्य

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Author : admin

पब्लिश्ड : 08-11-2025 09:27 PM

अपडेटेड : 08-11-2025 03:57 PM

बेंगलुरु। आरएसएस चीफ डॉ. मोहन भागवत ने संघ को विश्व का सबसे अनोखा संगठन बताया है। साथ ही दावा किया आज संघ भारत समेत कई देशों में समाजसेवी कार्य कर रहा है। संघ प्रमुख ने यह बड़ी बात बेंगलुरु में आरएसएस के100 वर्ष पूरे होने आयोजित दो दिवसीय व्याख्यानमाला को संबोधित करते कही। विश्व संवाद केंद्र कर्नाटक द्वारा आयोजित इस सत्र में संघ के विकास और अपनी शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ते भविष्य की दिशा के बारे में जानकारी दी गई।

डॉ. भागवत ने कहा कि आरएसएस के समर्थन या विरोध में आपकी जो भी राय हो, वह तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, धारणा पर नहीं, इसलिए जब हमने अपने सौ वर्ष पूरे किए तो सोचा गया कि देश में चार जगहों (दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, कलकत्ता) पर ऐसी व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की जाए। इसी जरूरत को देखते हुए संघ की कल्पना की गई और संघ को लागू किया गया। हमारे पास आक्रमणों का एक लंबा इतिहास रहा है और युद्ध के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त करने का अंतिम प्रयास 1857 में हुआ था। यह एक अखिल भारतीय प्रयास था।

डॉ. मोहन भागवत ने कहा, कुछ लोगों ने कहा कि यह समय की बात है, इस लड़ाई में हम असफल रहे, हमें फिर से लड़ना होगा। हमें युद्ध जारी रखना होगा। हम इस लड़ाई में असफल रहे, हमें तैयारी करनी होगी और फिर से लड़ना होगा। यह सिलसिला 1945 तक चलता रहा और सुभाष बाबू कथित तौर पर विमान में लगी आग की दुर्घटना में मारे गए। दो साल में हमें आजादी मिल गई।

उन्होंने कहा, सबसे पहले हमें संघ के बारे में जानना चाहिए। संघ के कई शुभचिंतक भी संघ को किसी विशेष परिस्थिति की प्रतिक्रिया बताते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। संघ का जन्म प्रतिक्रिया या विरोध से नहीं हुआ है। संघ हर समाज की एक अनिवार्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए है। डॉ. मोहन भागवत ने कहा, भारत तभी विश्व गुरु बनेगा जब वह दुनिया को यही अपनेपन का सिद्धांत सिखाएगा। हमारी परंपरा ब्रह्म या ईश्वर कहती है, उसे आज विज्ञान यूनिवर्सल कॉन्शसनेस कहता है।

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