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छग शराब घोटाला : भूपेश-चैतन्य की याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार, कड़ी फटकार लगा HC का गेट खटखटाने दिया आदेश

भूपेश-चैतन्य की याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार, कड़ी फटकार लगा HC का गेट खटखटाने दिया आदेश
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admin

Aug 04, 202501:58 PM

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। दरअसल शीर्ष अदालत ने बाप-बेटों की याचिकाओंपर सुनवाई से साफ इनकार करते हुए हाईकोर्ट का रुख करने का आदेश दे दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को मामले में जल्द सुनवाई का आदेश जरूर दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के सेक्शन 50 और 63 को चुनौती देने के लिए अलग से रिट पेटिशन दाखिल करने के लिए कहा है।

भूपेश बघेल और उनके बेटे की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कई सख्त टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने कहा कि दोनों ने एक ही याचिका में पीएमएलए (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने के साथ-साथ जमानत जैसी व्यक्तिगत राहत की मांग भी की है, जो उचित नहीं है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने पिता-पुत्र के सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर भी सवाल उठाया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि जब किसी मामले में कोई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल होता है, तो वो सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाता है। अगर हम ही हर मामले की सुनवाई करेंगे, तो अन्य अदालतों का क्या उपयोग रह जाएगा? अगर ऐसा होता रहा तो फिर गरीब लोग कहां जाएंगे? एक आम आदमी और साधारण वकील के पास सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने की कोई जगह ही नहीं बचेगी।

यह भी बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने के नाम पर याचिकाकर्ता सीधे अंतिम राहत नहीं मांग सकते। कोर्ट ने कहा कि एक ही याचिका में आप सब कुछ नहीं मांग सकते। इसके लिए तय प्रक्रिया और मंच हैं। कोर्ट ने चैतन्य बघेल को जमानत याचिका के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा और यह भी निर्देश दिया कि हाईकोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 50 और 63 को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दाखिल करने की सलाह दी।

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