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ट्रंप टैरिफ से घरेलू बाजार में भूचाल : औंधे मुंह गिरा सेंसेक्स, निफ्टी ने लगाया गोता, बिखर गए इन कंपनियों के भी शेयर
मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। हालांकि कुछ देर बाद उनके सुर बदल गए और कहा कि टैरिफ को लेकर भारत से अभी बातचीत चल रही है, लेकिन भारतीय निर्यात पर 25 टैरिफ लगाने घरेलू बाजार सहम गया है। शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के साथ ही नकारात्मक रुख दिखा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 786.36 अंक गिरकर 80,695.50 पर और निफ्टी 160 अंक गिरकर 24,688.25 अंक पर पहुंच गया।
वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 457 अंक या 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,484 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 100 अंक या 0.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,037 पर था। कुल मिलाकार देखा जाए तो सुबह लगभग सभी मुख्य सूचकांक लाल निशान में थे। ऑटो, एनर्जी, फार्मा, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी और पीएसई में सबसे अधिक गिरावट थी। सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, भारती एयरटेल, रिलायंस, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाइटन, एसबीआई, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, ट्रेंट, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे। इटरनल, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, आईटीसी और एचयूएल टॉप गेनर्स थे।
निवेशकों को तगड़ा नुकसान
बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली. जिसका मतलब है कि निवेशकों की वैल्यूवेशन घट गई। एक दिन पहले बीएसई मार्केट कैप 452.29 लाख करोड़ रुपये था, जो आज शुरुआती कारोबार में करीब 3 लाख करोड़ रुपये घटकर 449.56 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।
इन सेक्टर्स को तगड़ा झटका!
आईटी, फार्मा, पीएसयू बैंक, निफ्टी रियल्टी और कंज्यूमर सेक्टर्स को ट्रंप टैरिफ से तगड़ा झटका लगा है। सबसे ज्यादा गिरावट ऑयल एंड गैस सेक्टर्स में देखी जा रही है। निफ्टी आयल एंड गैस सेक्टर्स 1.5 फीसदी गिरा है। इसके बाद आईटी और फार्मा सेक्टर 1 फीसदी तक गिरकर कारोबार कर रहे थे।
यह बोले विशेषज्ञ
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, निवेशकों के नजरिए से यह समझना जरूरी है कि अगस्त के मध्य में शुरू होने वाली बातचीत के बाद 25 प्रतिशत टैरिफ कम हो जाएगा। भारत पर लगाया गया टैरिफ अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों में तय दरों से कहीं ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है, जिससे भारत से अन्य क्षेत्रों में बेहतर सौदे हासिल किए जाएं और अंततः टैरिफ दर लगभग 20 प्रतिशत या उससे कम हो सकती है।उन्होंने आगे कहा, ष्निफ्टी के 24,500 के सपोर्ट स्तर से नीचे जाने की संभावना नहीं है।
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