Download App

Latest News

सीएम ने देखी ‘चलो जीते हैं’ मूवी : पीएम मोदी के बचपन से है प्रेरित , मोहन ने मुक्त कंठ से की फिल्म की सराहनासीएम ने कटनी को 233 करोड़ की सौगात : बोले- अब कटनी बनेगा कनकपुरी, देश इकोनॉमी में देगा अहम यागदानलक्ष्य भेदने के लिए अनुकूल थी 7 मई की रात : आपरेशन सिंदूर पर बोले सीडीएस, स्कूली बच्चों से संवाद कर फौज में आने किया प्रेरितडांसिंग कॉप कान्स्टेबल लाइन अटैच : महिला के गंभीर आरोप पर हुआ एक्शन, जानें क्या है पूरा मामलादर्शकों को झटका : कल्कि 2898 एडी के सीक्वल से दीपिका पादुकोण बाहर, मेकर्स ने किया कंफर्मचामोली में कुदरत का सितम : आधी रात बादलने से मबले में समा गए तीन गांव-गौशालाएं और जिंदगियांगोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीदों को सीएम ने किया नमन : पिता-पुत्र की वीरता को भी याद, बोले- वे अपने संस्कारों पर सदैव अडिग रहेAyurveda : पैकेज्ड फूड नहीं, फल हैं असली पावरहाउस! आयुर्वेद से जानें खाने का सही तरीकाआनलाइन डिलीट नहीं हो सकता वोटर का नाम : राहुल ने बनाई गलत धारणा, ईसी ने आरोपों को सिरे से किया खारिजNDA जितना मजबूत होगा, बिहार उतना ही समृद्ध होगा : सासाराम में शाह की हुंकार, लालू फैमिली पर बोला जुबानी हमला

कभी भी हार मत मानिए : शुभांशु ने की छात्रों की हौसला अफजाई, दिया 2040 मून लैंडिंग का मंत्र भी

Featured Image

Author : admin

पब्लिश्ड : 25-08-2025 03:02 PM

अपडेटेड : 25-08-2025 09:32 AM

लखनऊ। अंतरिक्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर भारत लौटे शुभांशु शुक्ला सोमवार को अपने गृह नगर लखनऊ पहुंचे। जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। एयरपोर्ट पर शुभांशु के लैंडिंग के दौरान हाथ में तिरंगा और हर तरफ बैंड की धुने गूंज रही थी। वहीं सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने परेड के साथ स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत शुभांशु ने जहां छात्रों से अंतरिक्ष यात्रा से जुडे अनुभव भी साझा किए। वहीं उनकी हौसला अफजाई की।

शुक्ला ने छात्रों से कहा कि आप ही हमारी असली ताकत हैं, आने वाले समय में आप भारत को ग्लोबल स्पेस मिशन में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि साल 2040 में भारत चंद्रमा पर मानव भेजेगा। इस मिशन के लिए आप लोग भी तैयारी कीजिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि कभी भी हार मत मानिए। मैं जब आपकी उम्र का था तो आपसे भी औसत था। आप मुझसे भी बेहतर कर सकते हैं। आप सब लोगों ने दिल्ली से ज्यादा स्वागत और प्यार दिया।

शुभांशु ने अंतरिक्ष यात्रा को नए जीवन से की तुलना

शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा को नए जीवन से तुलना करते हुए कहा कि जब कोई अंतरिक्ष में जाता है तो सबसे बड़ी चुनौती शून्य गुरुत्वाकर्षण होती है। दिल धीरे-धीरे धड़कना शुरू करता है, शरीर को नए वातावरण में ढलने में समय लगता है। मानव शरीर एक उपन्यास की तरह है, जो तेजी से परिस्थितियों को स्वीकार कर लेता है। उन्होंने बताया कि मिशन के दौरान सात भारतीय और चार वैश्विक प्रयोग किए गए, जिनका उद्देश्य वैज्ञानिक खोजों को आगे बढ़ाना था। आपात स्थितियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में खतरे अचानक उत्पन्न हो सकते हैं। कभी फायर अलार्म बजना, कभी फॉल्स अलार्म आना, जमीन से चेतावनी मिलना या फिर छोटी तैरती वस्तुएं जो नुकीली होकर नुकसान पहुंचा सकती हैं।

अंतरिक्ष यात्रा को बताया बेहद चुनौतीपूर्ण

धरती पर लौटने के अनुभव को उन्होंने बेहद चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि वापसी के बाद शरीर का भारीपन महसूस होता है और दिमाग भूल जाता है कि सामान्य जीवन में कितनी मेहनत करनी पड़ती है। शुक्ला ने छात्रों को लगन और निरंतरता को सफलता की कुंजी बताते हुए कहा कि मैं उतना टैलेंटेड नहीं था, जितना आप हैं। लेकिन मेहनत और लगातार प्रयास ने मुझे यहां तक पहुंचाया।

पत्नी कामना ने इस सवाल का नहीं दिया जवाब

उन्होंने बताया कि स्पेस मिशन के दौरान उनसे ज्यादातर लोगों ने यही पूछा कि वे एस्ट्रोनॉट कैसे बने? 2040 तक प्रस्तावित मून लैंडिंग योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य अब असंभव नहीं है। इसे भारत के युवा ही पूरा करेंगे। कार्यक्रम में मौजूद सीएमएस की चेयरपर्सन भारती गांधी ने याद किया कि शुभांशु की पत्नी कामना भी इसी स्कूल में पढ़ी हैं। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने शुभांशु को जीवनसाथी के रूप में क्यों चुना, तो संकोचवश उन्होंने जवाब नहीं दिया।

तीनों सेनाओं की ड्रेस में बच्चों ने ग्रुप कैप्टन को दी सलामी

इस पर शुक्ला ने खुद माइक लेकर कहा कि कामना विजनरी हैं, उन्होंने मुझे बहुत पहले पहचान लिया था। उनके इतना कहते ही हॉल तालियों से गूंज उठा। जल, इस दौरान जल,थल और वायु, तीनों सेनाओं की ड्रेस में बच्चों ने ग्रुप कैप्टन को सलामी दी। इस दौरान श्भारत माता की जयश् और श्वंदे मातरमश् के नारों से परिसर गुंजायमान हो उठा।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder