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बिहार एसआईआर मामले में विपक्ष को राहत : सुप्रीम कोर्ट ने आधार को भी दी मान्यता, ईसी को भी दिया यह अधिकार

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Author : admin

पब्लिश्ड : 08-09-2025 08:06 PM

अपडेटेड : 08-09-2025 02:36 PM

नई दिल्ली। बिहार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच विपक्ष के लिए राहत भरी खबर आई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला देते हुए चुनाव आयोग से कहा कि आधार को भी अन्य 11 मान्य दस्तावेजों के बराबर आधार कार्ड को भी मान्य किया जाए। मानने को कहा है। हालांकि, चुनाव आयोग आधार का सत्यापन कर सकता है कि आधार सही या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने यह आदेश याचिकाकर्ता योगेंद्र यादव की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम साफ कर दे रहे हैं कि आधार सिर्फ निवास के प्रमाण के लिए है न कि नागरिकता तय करने के लिए। वहीं याचिकाकर्ता योगेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की सराहना करते हुए कहा कि इससे लाखों-करोड़ों लोगों के वोट अधिकार की रक्षा होगी।

योगेन्द्र यादव ने चुनाव आयोग पर लगाया आरोप

यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर वोट बंदी की प्रक्रिया है। यह आम लोगों से उनके सबसे अहम अधिकार को छीनने की प्रक्रिया है, क्योंकि लोगों से वो दस्तावेज मांगे जा रहे थे जो उनके पास है ही नहीं, लेकिन जो दस्तावेज आमजन के पास हैं उसे अमान्य माना जा रहा था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लगातार अपनी मनमानी करता आया है। उसने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव और इशारे को भी नजरंदाज किया, लेकिन अब इस मामले में कोर्ट ने आदेश भी जारी कर दिया है। योगेंद्र यादव ने कहा कि यह वोटरों के लिए बड़ी राहत है। इससे न सिर्फ बिहार के लाखों वोटर बल्कि देश के करोड़ों मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर होने से बच गए हैं।

इन राज्यों में एसआईआर शुरू लगी याचिका पर सुनवाई 15 को

वहीं, साल 2026 के अप्रैल महीने में 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, जिनमें असम, बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में इन राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने को लेकर याचिका दायर की गई है। वकील अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

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