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नागपंचमी आज : भक्तों के लिए खुले श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर कपउड़मा आस्थावानों का रेला, मंत्री विजयवर्गीय भी रात 2 बजे पहुंचे दर्शन करने

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Author : admin

पब्लिश्ड : 29-07-2025 11:41 AM

अपडेटेड : 29-07-2025 06:14 AM

उज्जैन। आज देश भर में नागपंचमी को त्योहार मनाया जा रहा है। ऐसे में भक्त आज नाग देवता के दर्शन करने उमड पडे हैं। साल में एक बार खुलने वाले विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर का पट भी सोमवार मध्यरात्रि से भक्तों के लिए खोल दिया गया। जो मंगलवार की रात 12 बजे तक खुला रहेगा। इस दौरान करीब 15 लाख भक्तों के श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचने की संभावना है। बता दें कि यह मंदिर साल में केवल एक दिन, नागपंचमी पर ही खुलता है। ऐसे में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलने के बाद महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज ने त्रिकाल पूजन किया। मंगलवार दोपहर फिर पूजन होगा और रात 12 बजे अंतिम आरती के बाद पट बंद कर दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचर कर पूजा-अर्चना की। विजयवर्गीय रात 2 बजे मंदिर पहुंचे और भगवान नागचंद्रेश्वर के साथ ही सिद्धेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया।

तैयारियों को सराहा विजयवर्गीय ने

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, मैं हर साल नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन आता हूं। इस बार प्रशासन ने व्यवस्था को बहुत अच्छा बनाया है, लेकिन भविष्य में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और बेहतर योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने प्रशासन की तैयारियों की सराहना करते हुए भक्तों की भीड़ को देखते हुए और सुगम व्यवस्था की बात कही। मंत्री ने एक्स पोस्ट के जरिए देशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने दर्शन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ऊं भुजंगेशाह विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नागः प्रचोदयात। सभी देशवासियों को नागपंचमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

28 जुलाई की मध्यरात्रि खोले गए कपाट

वहीं, महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के महामंडलेश्वर और महाकालेश्वर मंदिर के महंत विनीत गिरी महाराज ने बताया, हमारे पावन महाकाल मंदिर में तीसरी मंजिल पर भगवान नागचंद्रेश्वर का विग्रह स्थापित है, जिनका कपाट साल में केवल एक दिन नागपंचमी पर खुलता है। परंपरा के अनुसार, 28 जुलाई की मध्यरात्रि को मंदिर के पट खोले गए। पूजन की शुरुआत भगवान गणेश से हुई, फिर माता गजलक्ष्मी, भगवान विष्णु और शंकरासुर का पूजन हुआ। इसके बाद नागचंद्रेश्वर का विधिवत अभिषेक और पूजन किया गया। उन्होंने कहा कि पूजन के बाद रात 1 बजे से श्रद्धालुओं के लिए दर्शन शुरू हुए, जो सुगमता और व्यवस्था से चल रहा है।

11वीं शताब्दी में स्थापित की गई थी दुर्लभ प्रतिमा

गौरतलब है कि नागचंद्रेश्वर मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है, जहां 11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, सूर्य-चंद्रमा और सात फनों वाले नाग के साथ विराजमान हैं। मान्यता है कि इनके दर्शन से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। मंदिर के गर्भगृह में सिद्धेश्वर महादेव भी विराजमान हैं, जिनके दर्शन भी इस दिन किए जाते हैं। प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस बार करीब 10 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।

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