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नई दिल्ली। आईबीएम ने शुक्रवार को भारत में कौशल विकास के लिए एक बड़े अभियान की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि वह 2030 तक 50 लाख भारतीय छात्रों और युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सुरक्षा और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकों में प्रशिक्षित करेगा।
यह पहल आईबीएम स्किल्सबिल्ड के माध्यम से चलाई जाएगी, जिसका उद्देश्य देश में भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना है और छात्रों और वयस्कों को डिजिटल और नौकरी केंद्रित कौशल तक आसान पहुंच प्रदान करना है। आईबीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए उन्नत तकनीक की शिक्षा को अधिक समावेशी और सुलभ बनाया जाएगा, जिसके तहत स्कूल, विश्वविद्यालय और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में एआई और उभरती तकनीकी शिक्षा का विस्तार किया जाएगा।
आईबीएम का मकसद छात्रों-शिक्षकों को अनुभव प्रदान करना
आईबीएम, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर एआई-केंद्रित पाठ्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण, हैकथॉन और इंटर्नशिप जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिसका मकसद छात्रों और शिक्षकों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है। आईबीएम के चेयरमैन और सीईओ अरविंद कृष्णा ने कहा कि भारत में एआई और क्वांटम तकनीक में वैश्विक नेतृत्व करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस योजना से युवाओं को नई चीजें सीखने, नवाचार और देश के विकास में मदद करने का मौका मिलेगा।
आईबीएम स्कूलों में एआई शिक्षा को किया जा रहा मजबूत
आईबीएम स्कूलों में एआई शिक्षा को मजबूत कर रहा है। वरिष्ठ माध्यमिक छात्रों के लिए एआई पाठ्यक्रम विकसित किया जा रहा है और शिक्षकों को एआई प्रोजेक्ट कुकबुक, शिक्षक मार्गदर्शिका और समझाने वाले मॉड्यूल जैसी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसका उद्देश्य छात्रों को कंप्यूटेशनल सोच और जिम्मेदार एआई की समझ देना है।
इस योजना का मुख्य हिस्सा है आईबीएम स्किल्सबिल्ड, जो दुनिया के सबसे बड़े और आसान डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म में से एक है। यह 1,000 से ज्यादा कोर्सेस प्रदान करता है, जिनमें एआई, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्लाउड, डेटा और नौकरी से जुड़े कौशल शामिल हैं।
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