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एक साथ हथियार डालने को तैयार तीन राज्यों के नक्सली : तीन राज्यों के सीएम को खत लिख दिया आत्मसमर्पण का प्रस्ताव, 15 फरवरी तक मांगी मोहलत

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Author : Ganesh Sir

Published : 25-Nov-2025 12:24 PM

रायपुर। सुरक्षाबलों के ताबड़तोड़ एक्शन से घबराए नक्सली अब मुख्य धारा में लौटते दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं, नक्सलियों की महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की स्पेशल जोनल कमेटी (एमएमसी) ने एक साथ आत्मसमर्पण का प्रस्ताव दिया है। कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने इसके लिए तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर 15 फरवरी तक की मोहलत मांगी है। एमएमसी ने अपनी तरफ से युद्ध विराम की घोषणा भी कर दी है। अनंत ने सरेंडर कर चुके पार्टी कैडर के बड़े नेताओं से भी उनकी बात तीनों राज्य सरकारों के सामने रखने का आग्रह किया है। कमेटी की तरफ से पीएलजीएल सप्ताह रद्द करने की घोषणा की गई है।

एमएमसी के प्रवक्ता अनंत ने इस संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को संबोधित करते हुए एक बयान जारी किया है। अनंत ने इसे निवेदन पत्र नाम दिया है। इसमें उसने हिंसा का रास्ता छोडने की बात कही है।

सरेंडर कर चुके नेताओं की बातों का किया समर्थन

अनंत ने सरेंडर कर चुके बड़े नक्सली नेताओं के बयानों का समर्थन करते हुए लिखा है कि केंद्रीय कमिटी और पोलित ब्यूरो के सदस्य सोनू दादा ने देश-दुनिया की बदलती परिस्थितियों का मूल्यांकन करते हुए हथियार त्यागकर सशस्त्र संघर्ष को अस्थाई रूप से विराम देने का जो निर्णय लिया है, उसका हम समर्थन करते हैं। सतीश दादा के बाद हाल ही में सरेंडर करने वाले चंद्रन्ना ने भी इसी निर्णय का समर्थन किया है।

सामूहिक आत्मसमर्पण के लिए मांगी मोहलत

अनंत ने लिखा है कि एमसीसी भी हथियार छोड़कर सरकार के पुनर्वास योजना स्वीकार करना चाहती है, लेकिन इसके लिए हम तीनों राज्य की सरकारों से अनुरोध करते हैं कि वह हमें 15 फरवरी तक का वक्त दें। इस दौरान हमने साथियों से संपर्क करके इस पर सामूहिक निर्णय लेना चाहते हैं।

स्पष्ट किया कोई दूसरा इरादा नहीं

सरेंडर के लिए वक्त मांगने को लेकर भी अनंत ने स्पष्टीकरण दिया है, लिखा है कि वक्त मांगने के पीछे कोई दूसरा कारण नहीं है। चूंकि हमारे पास एक-दूसरे को फटाफट कम्युनिकेट करने सरल माध्यम नहीं हैं, इसलिए इतना वक्त लगेगा। अनंत ने यह भी लिखा है कि हम जानते हैं, यह वक्त थोड़ा ज्यादा है, लेकिन सरकार ने माओवाद समाप्ति की जो डेडलाइन (31 मार्च 2026) तय की है, उसके दायरे के भीतर ही है।

सरकारों से अभियान रोकने की अपील

नक्सली नेता ने तीनों राज्य सरकारों से 15 फरवरी तक सुरक्षा बलों के अभियान रोकने का आग्रह किया है। पीएलजीए सप्ताह नहीं मनाने की घोषणा करते हुए अनंत ने राज्य सरकार से इस सप्ताह के दौरान भी कोई अभियान न चलाने की मांग की है। साथ ही मुखबिरों की गतिविधियों को भी रोकें, इनपुट या सूचना के आधार पर बलों को एंगेज ना करें।

तुरंत युद्ध विराम की घोषणा

अनंत ने इसी पत्र में अपने साथियों ने तुरंत गतिविधियों को रोकने की अपील की है। साथ ही कुछ जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों से भी मुलाकात करने का मौका देने का आग्रह राज्य सरकारों से किया है। इसके जरिये वे सामूहिक रुप से हथियार डालने की तारीख की जल्द घोषणा कर सकें। अनंत ने पहले सरेंडर कर चुके नक्सली नेता सोनू और सतीश से भी उनकी बात को तीनों राज्यों की सरकार के पास रखने का आग्रह किया है।

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