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मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप लॉन्ड्रिंग मामले में यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ की। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कपूर का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत रिकॉर्ड किया गया है और यह यस बैंक और रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप के बीच 2017 से 2019 के बीच हुए वित्तीय लेनदेन से जुड़ा हुआ है।
जांच के मुताबिक, यस बैंक ने इस अवधि के दौरान रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड में 2,965 करोड़ रुपए और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड में 2,045 करोड़ रुपए निवेश किए हैं। एजेंसी का दावा है कि दिसंबर 2019 तक यह निवेश नॉन-परफॉर्मिंग एसेट बन चुका था। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस पर क्रमशरू 1,353.5 करोड़ रुपए और 1,984 करोड़ रुपए बकाया हैं।
सूत्रों ने आगे बताया, राणा कपूर यस बैंक में शीर्ष पर थे, तब 31 मार्च,2017 तक रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप (एडीएडी ग्रुप) का एक्सपोजर 6,000 करोड़ रुपए था, जो कि मात्र एक वर्ष 31 मार्च, 2018 तक दोगुना होकर 13,000 करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने आगे कहा, ष्इस दौरान बैंक ने 5,000 करोड़ रुपए रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) में निवेश किए थे।
जांच में भी सामने आया कि दोनों कंपनियों को करीब 11,000 करोड़ रुपए का पब्लिक फंड्स मिला है। ईडी यस बैंक द्वारा किए गए इन निवेशों से पहले धन के प्रवाह की जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, अनिल अंबानी समूह की वित्तीय कंपनियों में निवेश करने से पहले यस बैंक को पूर्व रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड से काफी धनराशि प्राप्त हुई थी।
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